ट्रंप के साथ अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और उनकी पत्नी उषा वेंस
20 जनवरी को अमेरिका की कड़ाके की ठंड के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने जब 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली तो माहौल में गर्मी पैदा हो गई. अब शपथ लेते ही ट्रंप ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे खलबली मच गई है..और तो और इस एक फैसले ने अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस की पत्नी उषा वेंस (Usha Vance) की टेंशन भी बढ़ा दी है. दरअसल, पदभार संभालने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जन्मसिद्ध नागरिकता यानी बर्थराइट सिटीजनशिप (Birthright Citizenship) को खत्म करने का फैसला किया है। जिसके बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि जेडी वेंस की पत्नी उषा वेंस अमेरिका की नागरिकता खो सकती हैं। अब सवाल ये कि क्या ऐसा सच में हो सकता है.
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क्या उषा वेंस को छोड़नी पड़ेगी अमेरिकी नागरिकता?
उषा चिलुकुरी वेंस भारतीय-अमेरिकी हैं. मौजूदा जानकारी के मुताबिक उषा वेंस कई सालों से अमेरिका में रह रही हैं. उषा के माता-पिता कृष और लक्ष्मी चिलुकुरी 1980 के दशक में भारत के आंध्र प्रदेश से अमेरिका आए और सैन डिएगो में बस गए. उनके पिता एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं और मां एक जीवविज्ञानी हैं. उषा का जन्म भी कैलिफोर्निया में ही हुआ था.वह सैन डिएगो में पली-बढ़ी हैं. हालांकि, ये जानकारी फिलहाल नहीं है कि उषा को अमेरिकी नागरिकता कब मिली. अब समझिए बर्थराइट सिटीजनशिप क्या है, जिससे उषा वेंस को अमेरिकी नागरिकता छोड़नी पड़ सकती है.
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क्या है जन्मसिद्ध नागरिकता यानी बर्थराइट सिटीजनशिप?
जन्मसिद्ध नागरिकता यानी बर्थराइट सिटीजनशिप वह कानूनी अधिकार है जिसके तहत अमेरिका में जन्मे बच्चे को अमेरिकी नागरिकता प्राप्त होती है. यह अधिकार अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन से प्राप्त हुआ है, जो कहता है कि जो भी व्यक्ति अमेरिका की जमीन पर जन्म लेता है, वह अमेरिकी नागरिक होता है, चाहे उसके माता-पिता अमेरिकी नागरिक हों या न हों. साल 1868 में इस अधिकार को इस उद्देश्य से पारित किया गया कि अमेरिका में जन्मे सभी बच्चों को समान नागरिक अधिकार मिले.
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इसमें कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे या प्राकृतिक रूप से बसे सभी व्यक्ति, संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिक हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शासनकाल के दौरान जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन 2023 तक अमेरिकी सरकार ने इसे आधिकारिक रूप से खत्म नहीं किया है. लेकिन अब ट्रंप के नए कार्यकारी आदेश में इस अधिकार को खत्म करने का फैसला किया गया है. ऐसे में जानिए कि ट्रंप का नया आदेश क्या कहता है.
नया आदेश क्या कहता है?
नए आदेश के मुताबिक अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को नागरिकता प्राप्त करने के लिए उनके माता-पिता का कानूनी रूप से अमेरिका में रहना जरूरी होगा. यानी, केवल उन बच्चों को नागरिकता मिलेगी, जिनके माता-पिता अमेरिका में कानूनी रूप से निवास करते हों या नागरिक हों. इस बदलाव से उन परिवारों पर खासा असर पड़ेगा जो अवैध रूप से अमेरिका में रहते हैं. ऐसे परिवारों के बच्चे अमेरिकी नागरिकता हासिल नहीं कर पाएंगे.
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शासनकाल के दौरान जन्मसिद्ध नागरिकता यानी बर्थराइट सिटीजनशिप पर कई बार सवाल उठाए थे. उनका कहना था कि जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त किया जाए, ताकि अमेरिका में अवैध रूप से आकर जन्म लेने वाले बच्चों को अमेरिकी नागरिकता न मिले. बहरहाल यह बदलाव अभी तक लागू नहीं हुआ है. ये आदेश 20 फरवरी तक प्रभावी होने की संभावना है.
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