भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी मरीन के मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के इटली के प्रयासों को गुरुवार को करारा झटका देते हुए संयुक्त राष्ट्र महाससिच बान की मून ने कहा कि इस मामले का हल द्विपक्षीय ढंग से किया जाना चाहिए।
इतालवी समाचार एजेंसी अन्सा के अनुसार मून ने कहा, 'इस मामले में संयुक्त राष्ट्र के शामिल होने से बेहतर है कि इसका निवारण द्विपक्षीय रूप से हो।' उनकी यह टिप्पणी उस वक्त आई है जब एक दिन पहले इटली ने अपने मरीन के खिलाफ सख्त समुद्री लूट विरोधी कानून के तहत मामला चलाए जाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र का रूख किया और कहा था कि वह अपने नौसैन्यकर्मियों को स्वदेश वापस लाने के लिए 'सभी विकल्पों' का इस्तेमाल करेगा।
इतालवी विदेश मंत्री एमा बोनिनो ने यहां की संसद में कहा कि वह 'बहुत नाखुशी और व्याकुलता' महसूस करती हैं कि मून ने मामले को 'द्विपक्षीय' करार दिया है।
उन्होंने कहा कि मून ने 'मुझे इस बात की गारंटी और भरोसा दिया था कि वह इस मुद्दे पर भारत सरकार के साथ कदम उठाएंगे।'
इतालवी मरीन मैसिमिलियानो लातोरे और सल्वातोरे गिरोन को फरवरी, 2012 में केरल के तट के निकट दो भारतीय मछुआरों की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था। इसको लेकर इटली और भारत के बीच राजनयिक तनाव पैदा हो गया।
भारत सरकार ने मरीन मामले की जांच कर रही एनआईए को इसकी अनुमति दे दी है कि इनके खिलाफ समुद्री लूट विरोधी कानून 'एसयूए' के तहत मुकदमा चलाया जाए। इस कानून में मौत की सजा का प्रावधान है।
भारत ने पिछले सप्ताह मौत की सजा की बात को खारिज कर दिया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि मरीन पर समुद्री लूट विरोधी कानून के तहत मुकदमा चलाया ला सकेगा। अब इन्हें 10 साल जेल की सजा हो सकती है।
इतालवी रक्षा मंत्री मारियो माउरो ने कहा कि इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के भीतर जीतना चाहिए और उन्होंने इस मुद्दे को वैश्विक करार दिया।
माउरो ने कहा, 'मरीन के मुद्दे पर सरकार ने कार्रवाई सुनिश्चित की है। इस मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण किया जाएगा। कोई यह सोच भी नहीं सकता कि यह भारत और इटली के बीच का मामला है।'
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