दक्षिण अफ्रीका के लेनासिया शहर में एक भारतीय टाउनशिप में सामुदायिक सेवा देने वाले एक प्रतिष्ठित संगठन के संस्थापक सदस्यों और भारतीय मूल के दो भाइयों की कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण से मौत हो गई.
साबेरी चिश्ती सोसाइटी (Saaberie Chishty Society) के चेयरमैन और अध्यक्ष अब्बास सैय्यद तथा उस्मान सैय्यद की क्रमश: शुक्रवार और शनिवार को मौत हो गई और दोनों को अगल-बगल दफना दिया गया. दोनों भाइयों के निधन से भारत तथा अन्य देशों से लगातार शोक संदेश आ रहे हैं.
अब्बास जब किशोरावस्था में थे तब वह अजमेर गए थे और तभी से उन्हें मानवीय कार्यों की प्रेरणा मिली थी. उनके अजमेर से लौटने के उपरांत लेनासिआ में उनके घर में एक छोटा धार्मिक समागम हुआ और जल्द ही यह सभी समुदायों के लिए परमार्थ कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं में तब्दील हो गया.
सैय्यद बंधु छह भाई बहनों में से थे जिन्होंने अपने पिता, चाचा और रिश्तेदारों द्वारा शुरू की गईं भोजन योजानाओं, मस्जिद निर्माण और मदरसा निर्माण, निशुल्क एंबुलेंस सेवा की शुरुआत जैसे कार्यों को आगे बढ़ाने का काम किया. उस वक्त लेनासिया की सरकार की तरफ से इस प्रकार की सुविधाएं नहीं थीं.
लखनऊ के धार्मिक नेताओं से प्राप्त एक शोक संदेश में कहा गया,‘‘अपने पूर्वजों के समान ही उन्होंने समर्पण के साथ समुदाय की सेवा करने के लिए जीवन भर अथक परिश्रम किया. उनकी मुस्कान और उनके साथ की गई गहन चर्चा याद आते ही आंसू बहने लगते हैं.''
हरियाणा के पानीपत से प्राप्त एक संदेश में कहा गया,‘‘ वे गरिमा, सच्चाई और सादगी से भरे इंसान थे.''संगठन ने 2009 में पानीपत में 30 वर्ष पहले बंद हुई एक मस्जिद के पुनर्निर्माण में सहायता की थी और इसके लिए दक्षिण अफ्रीका से चंदा जुटाया गया था.
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