डोनाल्ड ट्रंप (तस्वीर : रॉयटर्स)
वॉशिंगटन:
अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दावेदारी के अगले दौर की ओर बढ़ रहे डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट किया कि वह आतंकवाद से लड़ने के लिए अमेरिकी सेना को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करने का आदेश नहीं देंगे। राजनीतिक पंडितों ने अरबपति ट्रंप के अचानक बदले चेहरे को देखा जिन्होंने चुनावी अभियान के दौरान आतंकियों के परिवारों के खिलाफ कठोर रुख अपनाने की बात कह कर रिपब्लिकन पार्टी को उलझन में डाल दिया था।
गौरतलब है कि ट्रंप ने गुरुवार को एक टीवी चैनल पर बहस के दौरान अपनी उस इच्छा को फिर से दोहराया था जिसमें उन्होंने आतंकियों के परिवारों के खिलाफ कठोरतम रुख अपनाने का समर्थन किया था। ट्रंप ने कहा था "हमलोगों को कठोरतम रुख अपनाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि विश्वास कीजिए कि सेना उनके आदेशों का पालन करेगी। कई पूर्व रक्षा एवं खुफिया विभाग के अधिकारियों ने ट्रंप के इस रुख की निंदा की थी जिसमें उन्होंने आतंकवादियों के परिवार वालों को मारने तक की वकालत की थी। इसलिए सैन्य अधिकारी उनके आदेशों का पालन नहीं करेंगे।
ट्रंप के खिलाफ एक खुला ख़त
रिपब्लिकन विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा समुदाय के 100 से ज्यादा नेताओं के समूह ने बुधवार को ट्रंप की नीतियों की निंदा करते हुए एक खुला पत्र लिखा और राष्ट्रपति पद के लिए उनकी दावेदारी का विरोध किया। ट्रंप ने हालांकि शुक्रवार को अपने बयान को पलटते हुए कहा कि वह समझते हैं कि अमेरिका नियमों और संधियों से बंधा हुआ है और वह सैन्य और अन्य अधिकारियों को उन नियमों का उल्लंघन करने के आदेश नहीं देंगे। साथ ही ऐसे मसलों पर वह उनका मशविरा लेंगे।
इस बारे में ट्रप की प्रवक्ता कटरीना पीयर्सन ने कहा कि उम्मीदवार को समझने में भूल की गई थी। उन्होंने सीएनएन से कहा कि ट्रंप को महसूस हुआ कि लोगों ने उनकी बात शब्दश: मान ली इसलिए उन्हें अपनी बातें रखनी पड़ीं। कटरीना के अनुसार आतंकियों के परिवार वालों के खिलाफ कठोरतम रुख अपनाने से उनका आशय पूरी शक्ति से निपटना था।
गौरतलब है कि ट्रंप ने गुरुवार को एक टीवी चैनल पर बहस के दौरान अपनी उस इच्छा को फिर से दोहराया था जिसमें उन्होंने आतंकियों के परिवारों के खिलाफ कठोरतम रुख अपनाने का समर्थन किया था। ट्रंप ने कहा था "हमलोगों को कठोरतम रुख अपनाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि विश्वास कीजिए कि सेना उनके आदेशों का पालन करेगी। कई पूर्व रक्षा एवं खुफिया विभाग के अधिकारियों ने ट्रंप के इस रुख की निंदा की थी जिसमें उन्होंने आतंकवादियों के परिवार वालों को मारने तक की वकालत की थी। इसलिए सैन्य अधिकारी उनके आदेशों का पालन नहीं करेंगे।
ट्रंप के खिलाफ एक खुला ख़त
रिपब्लिकन विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा समुदाय के 100 से ज्यादा नेताओं के समूह ने बुधवार को ट्रंप की नीतियों की निंदा करते हुए एक खुला पत्र लिखा और राष्ट्रपति पद के लिए उनकी दावेदारी का विरोध किया। ट्रंप ने हालांकि शुक्रवार को अपने बयान को पलटते हुए कहा कि वह समझते हैं कि अमेरिका नियमों और संधियों से बंधा हुआ है और वह सैन्य और अन्य अधिकारियों को उन नियमों का उल्लंघन करने के आदेश नहीं देंगे। साथ ही ऐसे मसलों पर वह उनका मशविरा लेंगे।
इस बारे में ट्रप की प्रवक्ता कटरीना पीयर्सन ने कहा कि उम्मीदवार को समझने में भूल की गई थी। उन्होंने सीएनएन से कहा कि ट्रंप को महसूस हुआ कि लोगों ने उनकी बात शब्दश: मान ली इसलिए उन्हें अपनी बातें रखनी पड़ीं। कटरीना के अनुसार आतंकियों के परिवार वालों के खिलाफ कठोरतम रुख अपनाने से उनका आशय पूरी शक्ति से निपटना था।
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