दुनिया की ऐतिहासिक घटनाओं में से एक चीन के थियेनआनमन चौक कांड की आज 25वीं बरसी है। इस मौके पर आज चीन में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। कई मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, इस मौके पर सैकड़ों राजनीतिक कार्यकर्ताओं कलाकारों वकीलों और आलोचकों को सरकार ने ऐहतियातन हिरासत में ले लिया है। कई लोगों को जबरन बीजिंग से बाहर भेज दिया गया है जबकि कई लोगों को देश के अलग-अलग इलाकों में उनके ही घरों में नजरबंद कर दिया गया है।
25 साल पहले 4 जून 1989 को बीजिंग के इस ऐतिहासिक चौक पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों लोग चीनी सेना की फायरिंग में मारे गए थे। इसमें सैकड़ों छात्र और स्थानीय निवासी मौजूद थे। छात्रों की अगुवाई में ये लोग चीन में लोकतांत्रिक सुधारों की मांग को लेकर छह हफ्तों तक थियेनआनमन चौक पर धरना दिए हुए थे।
चीन की सरकार ने इन प्रदर्शनों को देश में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के तख्ता पलट के तौर पर देखा और थियेनआनमन चौक पर बख्तरबंद टैंक उतार दिए। इसके बाद फायरिंग का आदेश दे दिया गया। चीन की सरकार में जिन भी नेताओं या अफ़सरों ने इस कार्रवाई का विरोध किया चीन की सरकार ने उन्हें भी सजा दी। इस तरह चीन ने कम्युनिस्ट शासन के बाद पहले बड़े विरोध को दबाने की कोशिश की, लेकिन आज भी अलग-अलग रूप में यह मांग चीन में उठती रहती है।
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