ढाका:
नकाबपोश लोगों ने बांग्लादेश में मंगलवार को 33 वर्षीय एक और धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगर की उसके घर के पास हत्या कर दी। मुस्लिम बहुल राष्ट्र में फरवरी से इस तरह की यह तीसरी घटना है।
पुलिस ने बताया कि अनंत बिजॉय दास सुबह सिलहट शहर के सुबिडबाजार इलाके में स्थित अपने घर से दफ्तर जा रहा था, तभी नकाबपोश लोगों ने उस पर उसके घर के पास चाकू से हमला किया।
हवाई अड्डा पुलिस थाना प्रभारी गौसुल हुसैन ने बताया, ‘चार हथियारबंद हमलावरों ने उन पर उस वक्त हमला किया जब रिक्शे पर सवार होकर वह शहर जा रहे थे।’ मौके पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, ‘हमलावरों ने उसपर पीछे से हमला किया, उसके सिर पर चाकू से हमला किया गया और उसकी मौत फौरन हो गई।’
दास के एक करीबी दोस्त शहीदुज्जमान पापलू ने मीडिया को बताया कि वह ब्लॉग पर ‘भौतिकतावाद और तर्क’ पर अपने लेखन के लिए जाना जाता था। उसने अविजित रॉय की एक पुस्तक की प्रस्तावना भी लिखी थी, जो इस साल संदिग्ध इस्लामिस्टों द्वारा कथित ‘नास्तिक ब्लॉगरों’ पर किए गए हमले के पहले पीड़ित थे। फरवरी में चाकू से लैस हमलावरों ने 45 वर्षीय रॉय की हत्या कर दी थी, जबकि उनकी पत्नी हमले में बाल-बाल बची थी।
रॉय बांग्लादेश में जन्मे अमेरिकी नागरिक थे। रॉय की हत्या के एक महीने बाद एक अन्य ब्लॉगर वशीकुर रहमान की ढाका में इसी तरह से हत्या कर दी गई लेकिन आस पास के लोगों ने संदिग्ध हत्यारों को मौके से पकड़ लिया और उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया।
बांग्लादेश औपचारिक तौर पर एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है जहां कुल 16 करोड़ की आबादी में से 90 फीसदी मुस्लिम हैं। पुलिस अबतक कम पहचाने जाने वाले संगठन अंसारूल्लाह बांग्ला टीम के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर चुकी है, क्योंकि यह संगठन पहले ‘नास्तिक ब्लॉगरों’ के खिलाफ इंटरनेट पर जहरीला अभियान चला चुका है।
जांचकर्ताओं ने शुरू में कहा था कि उन्हें संदेह है कि यह संगठन अल कायदा से करीबी रिश्ते रखता है। बांग्लादेश की विशिष्ट अपराध विरोधी रैपिड एक्शन बटालियन ने पिछले महीने रॉय की हत्या के मुख्य संदिग्ध फरबी शफी उर रहमान को गिरफ्तार किया था और कहा था कि उसने माना है कि उसने रॉय को फेसबुक और ट्वीटर पर जान से मारने की धमकी दी थी। यहां संदिग्ध इस्लामवादियों का पहला शिकार 2013 में ब्लॉगर रजीब हैदर बना था।
पुलिस ने बताया कि अनंत बिजॉय दास सुबह सिलहट शहर के सुबिडबाजार इलाके में स्थित अपने घर से दफ्तर जा रहा था, तभी नकाबपोश लोगों ने उस पर उसके घर के पास चाकू से हमला किया।
हवाई अड्डा पुलिस थाना प्रभारी गौसुल हुसैन ने बताया, ‘चार हथियारबंद हमलावरों ने उन पर उस वक्त हमला किया जब रिक्शे पर सवार होकर वह शहर जा रहे थे।’ मौके पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, ‘हमलावरों ने उसपर पीछे से हमला किया, उसके सिर पर चाकू से हमला किया गया और उसकी मौत फौरन हो गई।’
दास के एक करीबी दोस्त शहीदुज्जमान पापलू ने मीडिया को बताया कि वह ब्लॉग पर ‘भौतिकतावाद और तर्क’ पर अपने लेखन के लिए जाना जाता था। उसने अविजित रॉय की एक पुस्तक की प्रस्तावना भी लिखी थी, जो इस साल संदिग्ध इस्लामिस्टों द्वारा कथित ‘नास्तिक ब्लॉगरों’ पर किए गए हमले के पहले पीड़ित थे। फरवरी में चाकू से लैस हमलावरों ने 45 वर्षीय रॉय की हत्या कर दी थी, जबकि उनकी पत्नी हमले में बाल-बाल बची थी।
रॉय बांग्लादेश में जन्मे अमेरिकी नागरिक थे। रॉय की हत्या के एक महीने बाद एक अन्य ब्लॉगर वशीकुर रहमान की ढाका में इसी तरह से हत्या कर दी गई लेकिन आस पास के लोगों ने संदिग्ध हत्यारों को मौके से पकड़ लिया और उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया।
बांग्लादेश औपचारिक तौर पर एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है जहां कुल 16 करोड़ की आबादी में से 90 फीसदी मुस्लिम हैं। पुलिस अबतक कम पहचाने जाने वाले संगठन अंसारूल्लाह बांग्ला टीम के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर चुकी है, क्योंकि यह संगठन पहले ‘नास्तिक ब्लॉगरों’ के खिलाफ इंटरनेट पर जहरीला अभियान चला चुका है।
जांचकर्ताओं ने शुरू में कहा था कि उन्हें संदेह है कि यह संगठन अल कायदा से करीबी रिश्ते रखता है। बांग्लादेश की विशिष्ट अपराध विरोधी रैपिड एक्शन बटालियन ने पिछले महीने रॉय की हत्या के मुख्य संदिग्ध फरबी शफी उर रहमान को गिरफ्तार किया था और कहा था कि उसने माना है कि उसने रॉय को फेसबुक और ट्वीटर पर जान से मारने की धमकी दी थी। यहां संदिग्ध इस्लामवादियों का पहला शिकार 2013 में ब्लॉगर रजीब हैदर बना था।
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