वॉशिंगटन:
अमेरिका ने अलकायदा द्वारा आतंकी हमले किए जाने की आशंका के मद्देनजर ऐहतियातन अपने 19 दूतावासों एवं वाणिज्य दूतावासों को आगामी 10 अगस्त तक बंद कर दिया है।
ओबामा प्रशासन ने रविवार को एक दिन के लिए 22 दूतावासों एवं वाणिज्य दूतावासों को बंद किया था। विदेश विभाग ने पिछले सप्ताह वैश्विक स्तर पर यात्रा संबंधी अलर्ट जारी किया था जिसमें मुख्य रूप से पश्चिम एशिया में अमेरिकी नागरिकों और हितों को निशाना बनाकर हमले किए जाने की आशंका जताई गई थी।
विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन पाकी ने कहा, ‘‘रमजान की समाप्ति पर ईद के जश्न की स्थानीय परंपराओं को देखते हुए और विभिन्न तरह की सावधानियां बरतते हुए हमने अपने कुछ दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को कुछ और समय के लिए बंद रखने का फैसला किया है।’’
इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि दूतावासों को बंद रखने का यह फैसला किसी नए सुरक्षा खतरे की संकेत नहीं, बल्कि सावधानी बरतने और स्थानीय कर्मचारियों एवं दूतावास आए वाले आगंतुकों सहित अपने सभी कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता का संकेत है।
जेन ने बताया, ‘‘अबू धाबी, अम्मान, काहिरा, रियाद, दहरान, जेद्दा, दोहा, दुबई, कुवैत, मनामा, मस्कट, सना, त्रिपोली, अंतानारिवो, बुजुमबुरा, जीबूती, खारतूम, किगाली और पोर्ट लुई में स्थित दूतावासों-वाणिज्य दूतावासों को शनिवार, 10 अगस्त तक सामान्य कामकाज के लिए बंद रखने का निर्देश दिया गया है।’’
इस बीच, एक वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा है कि उनके देश ने अलकायदा की ऐसी साजिश पता लगाया है जिसमें न सिर्फ अमेरिकी नागरिकों, बल्कि पश्चिमी देशों के लोगों को भी निशाना बनाया जाना था। अमेरिकी ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टॉफ के प्रमुख जनरल मार्टिन डेम्पसे ने समाचार चैनल ‘एबीसी न्यूज’ को बताया, ‘‘आतंकवादी हमले का बड़े पैमाने पर खतरा है और हम इसको देखते हुए प्रतिक्रिया कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अभी इसका (साजिश) एक हिस्सा अस्पष्ट है, लेकिन मंशा स्पष्ट लगती है। यह मंशा न सिर्फ अमेरिकी हितों, बल्कि पश्चिम को भी निशाने बनाने की है।’’ कांग्रेस के सदस्य चार्ल्स अलबर्ट ‘डच’ रूपर्सबर्गर ने कहा कि आतंकी हमले का ठोस आधार है और यह खुफिया जानकारियों पर आधारित है।
प्रतिनिधि सभा की खुफिया समिति के सदस्य रूपर्सबर्गर ने कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा पूरी दुनिया में अमेरिकियों की रक्षा करना है, चाहे वे खुफिया विभाग से जुड़े हों अथवा सैन्य प्रतिष्ठान या फिर वे आम नागरिक ही क्यों नहीं हों।’’
रूपर्सबर्गर ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि अलकायदा और कुछ दूसरे लोग हम पर हमला करना चाहते हैं तथा वे हमें और हमारे साझेदारों की हत्या करना चाहते हैं। अच्छी खबर यह है कि हमने खुफिया जानकारी हासिल कर ली है। यही हम करते हैं और यही काम राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (एनएसए) करती है।’’
रूपर्सबर्गर ने कहा, ‘‘एनएसए का एकमात्र उद्देश्य जानकारी हासिल करना और आतंकी हमलों से अमेरिकियों की रक्षा करना है।’’ एबीसी न्यूज ने हासिल की गई खुफिया जानकारी के आधार पर कहा है कि अलकायदा के आतंकी हमले के बारे में बातें करते सुने जा सकते हैं।
एक खुफिया अधिकारी के अनुसार आतंकवादी यह कह रहे हैं कि आतंकी हमला बड़ा होने वाला है।
उधर, अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि ढाका, अल्जीयर्स, काबुल, हेरात, मजारे शरीफ, बगदाद, बसरा और इर्बिल में दूतावासों एवं वाणिज्य दूतावासों को आज से सामान्य कामकाज के लिए दोबारा खोल दिया गया है। इन्हें कल बंद रखा गया था।
समाचार चैनल सीएनएन ने खबर दी है कि बीते कुछ दिनों में पकड़ में आए अलकायदा के आतंकवादियों के बीच संदेशों ने सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है और इसी के मद्देनजर पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका स्थित दूतावासों एवं वाणिज्य दूतावासों को कल बंद रखा गया।
ओबामा प्रशासन ने रविवार को एक दिन के लिए 22 दूतावासों एवं वाणिज्य दूतावासों को बंद किया था। विदेश विभाग ने पिछले सप्ताह वैश्विक स्तर पर यात्रा संबंधी अलर्ट जारी किया था जिसमें मुख्य रूप से पश्चिम एशिया में अमेरिकी नागरिकों और हितों को निशाना बनाकर हमले किए जाने की आशंका जताई गई थी।
विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन पाकी ने कहा, ‘‘रमजान की समाप्ति पर ईद के जश्न की स्थानीय परंपराओं को देखते हुए और विभिन्न तरह की सावधानियां बरतते हुए हमने अपने कुछ दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को कुछ और समय के लिए बंद रखने का फैसला किया है।’’
इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि दूतावासों को बंद रखने का यह फैसला किसी नए सुरक्षा खतरे की संकेत नहीं, बल्कि सावधानी बरतने और स्थानीय कर्मचारियों एवं दूतावास आए वाले आगंतुकों सहित अपने सभी कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता का संकेत है।
जेन ने बताया, ‘‘अबू धाबी, अम्मान, काहिरा, रियाद, दहरान, जेद्दा, दोहा, दुबई, कुवैत, मनामा, मस्कट, सना, त्रिपोली, अंतानारिवो, बुजुमबुरा, जीबूती, खारतूम, किगाली और पोर्ट लुई में स्थित दूतावासों-वाणिज्य दूतावासों को शनिवार, 10 अगस्त तक सामान्य कामकाज के लिए बंद रखने का निर्देश दिया गया है।’’
इस बीच, एक वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा है कि उनके देश ने अलकायदा की ऐसी साजिश पता लगाया है जिसमें न सिर्फ अमेरिकी नागरिकों, बल्कि पश्चिमी देशों के लोगों को भी निशाना बनाया जाना था। अमेरिकी ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टॉफ के प्रमुख जनरल मार्टिन डेम्पसे ने समाचार चैनल ‘एबीसी न्यूज’ को बताया, ‘‘आतंकवादी हमले का बड़े पैमाने पर खतरा है और हम इसको देखते हुए प्रतिक्रिया कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अभी इसका (साजिश) एक हिस्सा अस्पष्ट है, लेकिन मंशा स्पष्ट लगती है। यह मंशा न सिर्फ अमेरिकी हितों, बल्कि पश्चिम को भी निशाने बनाने की है।’’ कांग्रेस के सदस्य चार्ल्स अलबर्ट ‘डच’ रूपर्सबर्गर ने कहा कि आतंकी हमले का ठोस आधार है और यह खुफिया जानकारियों पर आधारित है।
प्रतिनिधि सभा की खुफिया समिति के सदस्य रूपर्सबर्गर ने कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा पूरी दुनिया में अमेरिकियों की रक्षा करना है, चाहे वे खुफिया विभाग से जुड़े हों अथवा सैन्य प्रतिष्ठान या फिर वे आम नागरिक ही क्यों नहीं हों।’’
रूपर्सबर्गर ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि अलकायदा और कुछ दूसरे लोग हम पर हमला करना चाहते हैं तथा वे हमें और हमारे साझेदारों की हत्या करना चाहते हैं। अच्छी खबर यह है कि हमने खुफिया जानकारी हासिल कर ली है। यही हम करते हैं और यही काम राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (एनएसए) करती है।’’
रूपर्सबर्गर ने कहा, ‘‘एनएसए का एकमात्र उद्देश्य जानकारी हासिल करना और आतंकी हमलों से अमेरिकियों की रक्षा करना है।’’ एबीसी न्यूज ने हासिल की गई खुफिया जानकारी के आधार पर कहा है कि अलकायदा के आतंकी हमले के बारे में बातें करते सुने जा सकते हैं।
एक खुफिया अधिकारी के अनुसार आतंकवादी यह कह रहे हैं कि आतंकी हमला बड़ा होने वाला है।
उधर, अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि ढाका, अल्जीयर्स, काबुल, हेरात, मजारे शरीफ, बगदाद, बसरा और इर्बिल में दूतावासों एवं वाणिज्य दूतावासों को आज से सामान्य कामकाज के लिए दोबारा खोल दिया गया है। इन्हें कल बंद रखा गया था।
समाचार चैनल सीएनएन ने खबर दी है कि बीते कुछ दिनों में पकड़ में आए अलकायदा के आतंकवादियों के बीच संदेशों ने सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है और इसी के मद्देनजर पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका स्थित दूतावासों एवं वाणिज्य दूतावासों को कल बंद रखा गया।
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