अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल (Kabul) में अमेरिकी हमले (US Airstike) में आतंकी संगठन अल-कायदा (Al Qaeda) के सरगना अल-जवाहिरी (Al Zawahiri) के मारे जाने की खबर से तालिबान (Taliban) बौखलाया हुआ है. तालिबान का कहना है कि उनके नेतृत्व को इस बात की जानकारी नहीं थी कि अल-जवाहिरी काबुल में है. अफगानिस्तान में अल-जवाहिरी के मारे जाने ने अफगानिस्तान में तालिबान की विश्वस्नीयता पर सवाल खड़े किए हैं , जिससे उनकी सरकार को मान्यता दिए जाने में भी और देरी हो सकती है. इससे सबसे निपटने का तालिबान ने अब एक नया तरीका निकाला है. रॉयटर्स के अनुसार, तालिबान अमेरिका के इस दावे की पड़ताल करेगा कि क्या उसके हमले में सच में अल कायदा का नेता अयमान अल जवाहिरी मारा गया या नहीं. एक तालिबानी नेता ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
अमेरिका का दावा है कि जब अल जवाहिरी काबुल के अपने ठिकाने की बालकनी में खड़ा था तब उसके एक ड्रोन हमले में अल जवाहिरी मारा गया. अमेरिका ने इसे ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अल-कायदा के लिए सबसे बड़ा झटका बताया था.
संयुक्त राष्ट्र में तालिबान के प्रतिनिधि सुहैल शाहीन ने कहा, " सरकार और नेतृत्व को इस बात की जानकारी नहीं थी जिसका दावा किया जा रहा है, ना ही इसका कोई सबूत है." दोहा में मौजूद सुहैल शाहीन ने पत्रकारों को एक संदेश में यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा, "जांच चल रही है यह जानने के लिए कि अमेरिका के दावे में कितनी सच्चाई है." उन्होंने कहा कि जांच के नतीजों को सार्वजनिक किया जाएगा.
तालिबान के नेता इसे लेकर लंबी चर्चाएं कर रहे हैं कि अमेरिकी ड्रोन हमले पर कैसे प्रतिक्रिया दी जाए. तालिबान की प्रतिक्रिया उनकी सरकार की अंतरराष्ट्रीय मान्यता और जब्त हुए कई बिलियन डॉलर के फंड को प्रभावित कर सकती है.
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