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This Article is From Jun 21, 2013

तालिबान से कैदियों की अदला बदली के बारे में विचार कर सकता है अमेरिका

वाशिंगटन: अमेरिका ने तालिबान द्वारा बंदी बनाए गए अपने एक सैनिक को छुड़ाने के एवज़ में तालिबानी कैदियों को रिहा करने के मामले पर बातचीत से इनकार नहीं किया है।

विदेशविभाग की प्रवक्ता जेन प्साकी ने संवाददाताओं से कहा, हमने तालिबान कैदियों को उन्हें सौंपने का निर्णय नहीं लिया है, हालांकि हमारा अनुमान है कि तालिबान इस मामले को उठाएंगे। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, हम कांग्रेस से विचार-विमर्श करने के बाद और अमेरिकी कानून के अनुसार ही इस प्रकार का कोई निर्णय लेंगे। अमेरिका पिछले कई वर्षों में पहली बार तालिबान से प्रत्यक्ष बातचीत का कार्यक्रम बनाने पर काम कर रहा है।

अमेरिकी कैदी सार्जेंट बेर्गदाल को छोड़ने के एवज़ में पांच तालिबानी कैदियों को रिहा करने के तालिबान के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा,  हम सार्जेंट बेर्गदाल के प्रति अपनी भावनाओं और उन्हें छुड़ाए जाने की जरूरत को लेकर हमेशा स्पष्ट रहे हैं। सार्जेंट बेर्गदाल को 30 जून 2009 को अफगानिस्तान में बंदी बनाया गया था। सार्जेंट ने एक वीडियो में कहा था कि गश्त करते समय जब वह अपनी टुकड़ी से पीछे रह गए थे तभी उन्हें पकड़ लिया गया था।

इस बीच एक अमेरिकी सांसद ने ओबामा प्रशासन के तालिबान के साथ वार्ता संबंधी कदम का विरोध करते हुए कहा कि इस आतंकवादी संगठन के साथ बातचीत सफल नहीं रहेगी। सांसद डाना रोहराबचेर ने विदेश मंत्री जॉन कैरी को पत्र लिखकर कहा, अमेरिका और तालिबान के बीच इस सप्ताह घोषित की गई वार्ता सफल नहीं होगी।

उन्होंने कहा, यह गृह युद्ध है। युद्धरत पक्षों उत्तरी मोर्चे और तालिबान के बीच बातचीत होनी चाहिए। जब तक उत्तरी मोर्चा वार्ता की मेज़ पर नहीं बैठता तब तक युद्ध जारी रहेगा। रोहराबचेर ने कहा, अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ तालिबान की आतंकवादी गतिविधियों के मद्देनज़र तालिबान नेता मुल्ला उमर से केवल उसके आत्मसमर्पण के मामले पर बातचीत की जानी चाहिए। इसके अलावा उससे या उसके प्रतिनिधियों से किसी भी मामले पर वार्ता नहीं की जानी चाहिए।

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