फ्रांसीसी गाजा बंधक की मां ने इजरायल से युद्ध विराम की मांग की है. महिला मैरी-पास्केल रैडौक्स अपने बेटे ओरियन की खबर के लिए तीन महीने से इंतजार कर रही हैं, जिसके बारे में माना जाता है कि 7 अक्टूबर को इज़रायल में हमले के बाद गाजा पट्टी में हमास ने उसे बंधक बना लिया था.
दक्षिण पश्चिम फ़्रांस में टूलूज़ के पास रहने वाली रैडौक्स ने इज़रायल और फ़िलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास से बंधकों को मुक्त करने की अनुमति देने के लिए युद्ध खत्म करने, या कम से कम युद्ध विराम करने का आग्रह किया है. 62 वर्षीय रैडौक्स ने कहा, "बंधकों, नागरिकों, बच्चों, परिवारों और सैकड़ों निर्दोष लोगों के लिए युद्ध विराम होना चाहिए." रैडौक्स ने इजरायली प्रधानमंत्री से कहा, "हम बेंजामिन नेतन्याहू से भी यही पूछ रहे हैं."
13 दिसंबर को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने युद्ध विराम के आह्वान वाले एक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव का समर्थन किया, लेकिन इजरायली प्रधानमंत्री ने इसे तब तक खारिज कर दिया, जब तक कि हमास खत्म नहीं हो जाता.
रैडौक्स ने कहा कि ये समझाने के लिए कोई शब्द नहीं हैं कि मैं क्या महसूस कर रही हूं. क्रोध से लेकर उदासी, चिंता, भय, बुरे सपने सब हैं.
7 अक्टूबर को जब हमास ने गाजा पट्टी से दक्षिणी इज़रायल में प्रवेश किया तो ओरियन हर्नांडेज़ राडौक्स ट्राइब ऑफ़ नोवा संगीत समारोह में भाग ले रहे थे. इजरायली के मुताबिक, हमले में अब तक लगभग 1,140 लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर नागरिक हैं.
हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा में इजरायल की लगातार बमबारी और जमीनी हमले में 23,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं.
उनकी आशा का एकमात्र सूत्र उनके बेटे के दोस्तों द्वारा प्राप्त हमास का एक फोन कॉल है, जिसमें कहा गया था कि वो ठीक है, हमें चिंता नहीं करनी चाहिए, कि वो हमास के साथ है. इससे रैडौक्स को थोड़ी राहत मिली है, जो अपने बेटे को ढूंढने या मुक्त कराने के लिए, या कम से कम अंततः ये पुष्टि करने के लिए कि वो जीवित है, हर संभव प्रयास कर रही है.
'हर दिन कुछ न कुछ करें'
रैडौक्स ने कहा, "जब तक मुझे पता है कि मैं हर दिन उसके लिए कुछ कर सकती हूं, ये मुझे अपने पैरों पर खड़ा रखता है. वो दिन जब कुछ नहीं होता, भयानक होते हैं. अतिसक्रियता आपको डर और चिंता में फंसने से बचाती है."
उन्होंने कहा, "ये जानने से भी मदद मिलती है कि कितने सारे लोग उसकी वापसी का इंतजार कर रहे हैं और उसकी वापसी की कामना कर रहे हैं. जितना अधिक समय लगेगा, ये उतना ही कठिन होता जाएगा और सबसे बड़ी बात ये है कि लोग भूल सकते हैं कि बंधक अभी भी हमास के हाथों में हैं. हम ये सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे कि उन्हें भुलाया न जाए."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं