वाशिंगटन:
भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके दो अन्य साथी अंतरिक्ष यात्रियों ने सफलतापूर्वक अपने रूसी सोयूज अंतरिक्षयान को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र से जोड़ा। वे चार महीने तक केंद्र में रहकर 30 से अधिक वैज्ञानिक मिशनों पर काम करेंगे।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में मौजूद सुनीता विलियम्स और उनके साथियों से पत्रकारों और उनके परिवार की बातचीत करवाई। सुनीता ने अपनी बहन से बात करते हुए कहा कि अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखना बेहद खूबसूरत अनुभव है।
नासा की 46 वर्षीय अंतरिक्ष यात्री सुनीता, रूस के सोयूज के कमांडर यूरी मलेनचेनको और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के फ्लाइट इंजीनियर अकिहिको होशिदे दो दिन तक अंतरिक्ष की कक्षा में रहने के बाद आज आईएसएस पहुंचे।
अंतरिक्ष केंद्र से जुड़ने के बाद मलेनचेनको ने कोरोलेव में रूसी मिशन नियंत्रण केंद्र पर भेजे रेडियो संदेश में कहा, सब कुछ ठीक है। नासा ने एक बयान में कहा कि रूसी अंतरिक्ष यान..सोयूज टीएमए.05एम स्वचालित तरीके से भारतीय समयानुसार सुबह करीब 10:21 बजे आईएसएस के रासवेट मॉड्यूल से जुड़ गया।
तीनों ने गत रविवार को अपने चार महीने के अंतरिक्ष मिशन के लिहाज से कजाखस्तान के बैकनूर कॉस्मोड्रोम से आईएसएस के लिए सफन उड़ान भरी थी।
सुनीता विलियम्स की यह दूसरी अंतरिक्षयात्रा है। इससे पहले वह 195 दिन अंतरिक्ष में रह चुकी हैं, जो किसी महिला अंतरिक्षयात्री की सबसे लंबी यात्रा का रिकार्ड है।
तीन सदस्यीय दल नवंबर के मध्य में वापस लौटेगा और इस दौरान आईएसएस पर वे करीब 30 वैज्ञानिक मिशनों को पूरा कर सकते हैं।
सुनीता और उनकी टीम की लंदन ओलंपिक के मद्देनजर अंतरिक्ष की कक्षा में रोचक आयोजन की भी योजना है।
सुनीता, मलेनचेनको और होशिदे पहले से ही अंतरिक्ष केंद्र पर रह रहे रूसी कमांडर जेनाडी पडालका, उनके सहयोगी सर्जेई रेविन तथा नासा के अंतरिक्षयात्री जोए अकाबा से मुलाकात करेंगे। सभी छह लोग करीब दो महीने तक मिलकर काम करेंगे।
अकाबा, पडालका और रेविन का 17 सितंबर को धरती पर लौटने का कार्यक्रम है। पडालका वापसी से पहले केंद्र तथा ‘एक्सपिडीशन.33’ की कमान सुनीता विलियम्स को सौंपेंगे।
एक्सपिडीशन..32 अपोलो.सोयूज परीक्षण परियोजना की 37वीं वर्षगांठ के मौके पर रवाना हुई है और अंतरिक्ष केंद्र पर पहुंची है। 37 साल पहले पहली बार अमेरिकी यान रूस के सोयूज के साथ जुड़ा था।
केनेडी अंतरिक्ष केंद्र का अपोलो यान और बैकनूर कॉस्मोड्रोम के सोयूज 7के.टीएम को 15 जुलाई, 1975 को रवाना किया गया था और वे दो दिन बाद केंद्र से जुड़े।
सुनीता और उनके साथियों का आईएसएस पर व्यस्त कार्यक्रम रहेगा जिनमें दो स्पेसवाक के साथ जापानी, अमेरिकी व्यावसायिक और रूसी पुन: आपूर्ति यानों का आगमन शामिल होगा। अंतरिक्ष केंद्र के बाहर लगे वीडियो कैमरों ने सोयूज की शानदार तस्वीरें खींचीं। सुनीता 2006 में छह महीने तक आईएसएस में ठहरीं और अनुसंधान किया। सुनीता के पिता गुजरात के हैं और नासा ने 1998 में उन्हें अंतरिक्ष यात्रा के लिए चुना था।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में मौजूद सुनीता विलियम्स और उनके साथियों से पत्रकारों और उनके परिवार की बातचीत करवाई। सुनीता ने अपनी बहन से बात करते हुए कहा कि अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखना बेहद खूबसूरत अनुभव है।
नासा की 46 वर्षीय अंतरिक्ष यात्री सुनीता, रूस के सोयूज के कमांडर यूरी मलेनचेनको और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के फ्लाइट इंजीनियर अकिहिको होशिदे दो दिन तक अंतरिक्ष की कक्षा में रहने के बाद आज आईएसएस पहुंचे।
अंतरिक्ष केंद्र से जुड़ने के बाद मलेनचेनको ने कोरोलेव में रूसी मिशन नियंत्रण केंद्र पर भेजे रेडियो संदेश में कहा, सब कुछ ठीक है। नासा ने एक बयान में कहा कि रूसी अंतरिक्ष यान..सोयूज टीएमए.05एम स्वचालित तरीके से भारतीय समयानुसार सुबह करीब 10:21 बजे आईएसएस के रासवेट मॉड्यूल से जुड़ गया।
तीनों ने गत रविवार को अपने चार महीने के अंतरिक्ष मिशन के लिहाज से कजाखस्तान के बैकनूर कॉस्मोड्रोम से आईएसएस के लिए सफन उड़ान भरी थी।
सुनीता विलियम्स की यह दूसरी अंतरिक्षयात्रा है। इससे पहले वह 195 दिन अंतरिक्ष में रह चुकी हैं, जो किसी महिला अंतरिक्षयात्री की सबसे लंबी यात्रा का रिकार्ड है।
तीन सदस्यीय दल नवंबर के मध्य में वापस लौटेगा और इस दौरान आईएसएस पर वे करीब 30 वैज्ञानिक मिशनों को पूरा कर सकते हैं।
सुनीता और उनकी टीम की लंदन ओलंपिक के मद्देनजर अंतरिक्ष की कक्षा में रोचक आयोजन की भी योजना है।
सुनीता, मलेनचेनको और होशिदे पहले से ही अंतरिक्ष केंद्र पर रह रहे रूसी कमांडर जेनाडी पडालका, उनके सहयोगी सर्जेई रेविन तथा नासा के अंतरिक्षयात्री जोए अकाबा से मुलाकात करेंगे। सभी छह लोग करीब दो महीने तक मिलकर काम करेंगे।
अकाबा, पडालका और रेविन का 17 सितंबर को धरती पर लौटने का कार्यक्रम है। पडालका वापसी से पहले केंद्र तथा ‘एक्सपिडीशन.33’ की कमान सुनीता विलियम्स को सौंपेंगे।
एक्सपिडीशन..32 अपोलो.सोयूज परीक्षण परियोजना की 37वीं वर्षगांठ के मौके पर रवाना हुई है और अंतरिक्ष केंद्र पर पहुंची है। 37 साल पहले पहली बार अमेरिकी यान रूस के सोयूज के साथ जुड़ा था।
केनेडी अंतरिक्ष केंद्र का अपोलो यान और बैकनूर कॉस्मोड्रोम के सोयूज 7के.टीएम को 15 जुलाई, 1975 को रवाना किया गया था और वे दो दिन बाद केंद्र से जुड़े।
सुनीता और उनके साथियों का आईएसएस पर व्यस्त कार्यक्रम रहेगा जिनमें दो स्पेसवाक के साथ जापानी, अमेरिकी व्यावसायिक और रूसी पुन: आपूर्ति यानों का आगमन शामिल होगा। अंतरिक्ष केंद्र के बाहर लगे वीडियो कैमरों ने सोयूज की शानदार तस्वीरें खींचीं। सुनीता 2006 में छह महीने तक आईएसएस में ठहरीं और अनुसंधान किया। सुनीता के पिता गुजरात के हैं और नासा ने 1998 में उन्हें अंतरिक्ष यात्रा के लिए चुना था।
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