पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (फाइल फोटो)
पेरिस:
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने चेतावनी दी है कि पेरिस में जलवायु परिवर्तन पर कोई समझौता होगा या नहीं ये इस बात पर निर्भर है कि अमीर देश कितनी दरियादिली और लचीलापन दिखाएंगे।
समझौते की डेडलाइन खत्म होने के बाद भी वार्ता जारी है और माना जा रहा है कि बातचीत रविवार तक खिंच सकती है। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पत्रकारों से कहा कि हम यहां एक न्यायपूर्ण और बराबरी के समझौते के लिए कोशिश कर रहे हैं, लेकिन विकसित देशों को लचीलापन दिखाना होगा।
जावड़ेकर ने कहा कि हम बहुत कोशिश कर रहे हैं कि दुनिया के 700 करोड़ लोगों को और खासतौर से गरीब देशों को एक अच्छा समझौता मिले, जिससे लोगों को भरोसा हो कि उन्हें रहने लायक धरती मिले और विकसित देश अपने इमीशन कम करेंगे। विकसित देश आज जिस तरह से रुख अपनाए हुए हैं और लचीलापन नहीं दिखा रहे हैं, इसके कारण बाधायें आ रही हैं और इसलिए पेरिस की कामयाबी विकसित देशों के रुख पर निर्भर है। उन्हें इसके लिए आगे आना चाहिए। जावड़ेकर ने जोर देकर कहा कि विकसित देशों के सही रुख पर ही सबकुछ निर्भर है, वरना ये धोखे जैसे हो सकता है।
समझौते की डेडलाइन खत्म होने के बाद भी वार्ता जारी है और माना जा रहा है कि बातचीत रविवार तक खिंच सकती है। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पत्रकारों से कहा कि हम यहां एक न्यायपूर्ण और बराबरी के समझौते के लिए कोशिश कर रहे हैं, लेकिन विकसित देशों को लचीलापन दिखाना होगा।
जावड़ेकर ने कहा कि हम बहुत कोशिश कर रहे हैं कि दुनिया के 700 करोड़ लोगों को और खासतौर से गरीब देशों को एक अच्छा समझौता मिले, जिससे लोगों को भरोसा हो कि उन्हें रहने लायक धरती मिले और विकसित देश अपने इमीशन कम करेंगे। विकसित देश आज जिस तरह से रुख अपनाए हुए हैं और लचीलापन नहीं दिखा रहे हैं, इसके कारण बाधायें आ रही हैं और इसलिए पेरिस की कामयाबी विकसित देशों के रुख पर निर्भर है। उन्हें इसके लिए आगे आना चाहिए। जावड़ेकर ने जोर देकर कहा कि विकसित देशों के सही रुख पर ही सबकुछ निर्भर है, वरना ये धोखे जैसे हो सकता है।
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