श्रीलंका (Sri Lanka) के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajpakshe) ने देश में भीषण आर्थिक संकट से निपटने के लिए निवेश मंत्रालय सहित दो नए मंत्रालय बनाए हैं. नवगठित 'प्रौद्योगिकी और निवेश संवर्धन' मंत्रालय श्रीलंका में आर्थिक क्षमता को बढ़ावा देते हुए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देगा. इसके अलावा 'महिला, बाल मामले और सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय' नाम से एक और मंत्रालय बनाया गया है. इस मंत्रालय के तहत 15 संस्थान शामिल हैं, जिसमें राष्ट्रीय बाल संरक्षण प्राधिकरण और समृद्धि विकास विभाग भी हैं. वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF) भी आने वाले हफ्तों में संकटग्रस्त श्रीलंका में अपना एक व्यक्तिगत मिशन भेजने की योजना बना रहा है. गौरतलब है कि श्रीलंका इस समय बेहद मुश्किल आर्थिक हालात का सामना कर रहा है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के प्रवक्ता ने कहा कि यह मिशन वित्तीय सहायता पर चर्चा करेगा, लेकिन साथ ही जोड़ा कि वित्त पोषण कार्यक्रम पर आगे बढ़ने से पहले श्रीलंका को ऋण स्थिरता बहाल करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है.
आईएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस ने कहा कि वैश्विक वित्तीय निकाय अपनी नीतियों के अनुरूप इस कठिन समय में श्रीलंका की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है.
प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को मीडिया से कहा, ‘‘स्पष्ट रूप से श्रीलंका एक बहुत ही कठिन आर्थिक स्थिति और भुगतान संतुलन की गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है। हम मौजूदा संकट के प्रभाव को लेकर बेहद चिंतित हैं. विशेष रूप से मानवीय चिंता है, जो लोगों को प्रभावित कर रही है.''
इससे पहले श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से अपने सहायता कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाने का आग्रह किया था.
राइस ने कहा कि आईएमएफ श्रीलंका की स्थिति पर बारीकी से नगर रखे हुए हैं और आने वाले हफ्तों में कोलंबो में एक व्यक्तिगत मिशन भेजने की योजना बना रहा है.
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