जिन राजकुमारों को हिरासत में लिया गया है उनमें अल वलीद बिन तलाल भी शामिल हैं
रियाद:
सऊदी अरब के शाह सलमान ने नेशनल गार्ड की अगुवाई करने वाले एक प्रमुख शहजादे को बर्खास्त कर दिया और आर्थिक मामलों एवं नियोजन मंत्री को भी बदल दिया है. साथ ही उन्होंने नई भ्रष्टाचार रोधी समिति बनाने का भी ऐलान किया है. सऊदी अरब के अल अराबिया समाचार चैनल ने शनिवार देर शाम यह खबर दी कि देश के शक्तिशाली वली अहद शहजादे (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान की अगुवाई में भ्रष्टाचार की नई जांच में 11 शहजादों और दर्जनों पूर्व मंत्रियों को हिरासत में लिया गया है. मोहम्मद को नई समिति की निगरानी करने के लिए नामित किया गया है.
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अल अराबिया की खबर के मुताबिक, समिति वर्ष 2009 में जेद्दा में आई विनाशकारी बाढ़ की तहकीकात करने के अलावा, मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटोरी सिंड्रोम (एमईआरएस) संक्रमण पर सऊदी सरकार की प्रतिक्रिया की भी जांच कर रही है. इस संक्रमण ने पिछले कुछ सालों में सैकड़ों लोगों की जान ली है. इस बीच, सऊदी अरब के उलेमा की शीर्ष परिषद ने एक बयान जारी कर कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना इस्लामी फर्ज है. इतनी उच्च स्तरीय गिरफ्तारियों के लिए मजहबी नेताओं का समर्थन जरूरी है.
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सरकार ने कहा कि भ्रष्टाचार रोधी समिति को गिरफ्तारी वारंट जारी करने, यात्रा प्रतिबंध लगाने और बैंक खातों पर रोक लगाने के अधिकार हैं. यह समिति कोष का पता लगा सकती है, कोष के स्थानातंरण को रोक सकती है तथा अन्य एहतियाती उपाय कर सकती है जब तक कि मामलों को न्यायपालिका में न भेजा जाए.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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अल अराबिया की खबर के मुताबिक, समिति वर्ष 2009 में जेद्दा में आई विनाशकारी बाढ़ की तहकीकात करने के अलावा, मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटोरी सिंड्रोम (एमईआरएस) संक्रमण पर सऊदी सरकार की प्रतिक्रिया की भी जांच कर रही है. इस संक्रमण ने पिछले कुछ सालों में सैकड़ों लोगों की जान ली है. इस बीच, सऊदी अरब के उलेमा की शीर्ष परिषद ने एक बयान जारी कर कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना इस्लामी फर्ज है. इतनी उच्च स्तरीय गिरफ्तारियों के लिए मजहबी नेताओं का समर्थन जरूरी है.
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सरकार ने कहा कि भ्रष्टाचार रोधी समिति को गिरफ्तारी वारंट जारी करने, यात्रा प्रतिबंध लगाने और बैंक खातों पर रोक लगाने के अधिकार हैं. यह समिति कोष का पता लगा सकती है, कोष के स्थानातंरण को रोक सकती है तथा अन्य एहतियाती उपाय कर सकती है जब तक कि मामलों को न्यायपालिका में न भेजा जाए.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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