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This Article is From Jan 25, 2024

शराब स्टोर, महिलाओं को ड्राइविंग, सिनेमाघर खुले: सऊदी क्राउन प्रिंस के 5 बड़े बदलाव

सऊदी क्राउन प्रिंस की साख को साल 2018 में  इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद से बड़ा झटका लगा है, ऐसे में उनकी बदलाव की कोशिशें ( Saudi Arabia Reforms) चर्चा में बनी हुई हैं. 

शराब स्टोर, महिलाओं को ड्राइविंग, सिनेमाघर खुले: सऊदी क्राउन प्रिंस के 5 बड़े बदलाव
सऊदी अरब में हुए क्या-क्या बड़े बदलाव. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

सऊदी अरब राजधानी रियाद में गैर-मुस्लिम राजनयिकों के लिए अपना पहला शराब स्टोर खोलने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक सुधारों की सीरीज में सऊदी सरकार (Key Reforms Under Saudi Arabia) के इस नए कदम को मील के पत्थर के तौर पर देखा जा रहा है.  सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने हाल के सालों में सुर्खियों में बने रहने वाले पांच अन्य बदलाव किए, दरअसल सऊदी क्राउन प्रिंस की साख को साल 2018 में  इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद से बड़ा झटका लगा है, ऐसे में उनकी बदलाव की कोशिशें चर्चा में बनी हुई हैं. 

सिनेमाघर फिर से खुले

अप्रैल 2018 में सऊदी अरब ने सिनेमाघरों पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था. ब्लैक पैंथर" 35 साल बाद यहां के सिनेमाघरों में दिखाई जाने वाली पहली फिल्म थी. दरअसल 1970 के दशक में मौलवियों ने सिनेमाघरों पर प्रतिबंध लगा दिया था. 

राजधानी रियाद का कहना है कि उसने साल 2030 तक 300 से ज्यादा सिनेमाघर खोलने की योजना बनाई है. हालांकि टीवी कार्यक्रमों की तरह, फ़िल्मों में सेक्स, धर्म या राजनीति के कंटेंट पर रोक के लिए सेंसर बोर्ड अपनी कड़ी नजर रखेगा. 

महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार

सऊदी अरब ने साल 2018 में महिलाओं की ड्राइविंग पर दशकों से चला आ रहा प्रतिबंध हटा दिया था. यह दुनिया में इस तरह का एकमात्र प्रतिबंध था, जिसमें महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए पुरुषों पर निर्भर रहना पड़ता था. 

सऊदी अरब में साल 2018 के बाद से हजारों महिलाएं गाड़ी चला रही हैं, जिनमें से कुछ मैकेनिक और टैक्सी ड्राइवर भी बन गईं हैं.

हालांकि, सऊदी सरकार के इस कदम से पैदा हुए उत्साह से उन महिला कार्यकर्ताओं की कार्रवाई से झटका लगा, जिन्होंने पहले प्रतिबंध हटाने के लिए अभियान चलाया था. 

महिलाएं अब पुरुषों पर निर्भर नहीं

सऊदी अरब ने साल 2019 में, 21 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं को बिना पुरुष अभिभावक जैसे, पति, पिता या अन्य पुरुष रिश्तेदार की परमिशन के बिना ही पासपोर्ट का आवेदन करने और विदेश यात्रा पर जाने की परमिशन दे दी थी. सरकार के इस कदम से पुरुषों पर महिलाओं की निर्भरता कम हो गई. 

पर्यटकों का खुले दिल से स्वागत

सऊदी अरब ने तेल रेवेन्यू पर अपनी निर्भरता को कम करने और अर्थव्यवस्था में विविधता लाने के लिए सितंबर 2019 में पहली बार पर्यटन - अपने तथाकथित "सफेद तेल" को खोलना शुरू किया.

साल 2018 तक सऊदी अरब सिर्फ मुस्लिम तीर्थयात्रियों, प्रवासी श्रमिकों, या खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले लोगों को ही वीजा जारी करता था. 

सऊदी क्राउन प्रिंस प्रिंस मोहम्मद ने एक साल पहले 50 द्वीपों और लाल सागर की कई जगहों को लग्जरी रिसॉर्ट में बदलने के लिए एक विशाल पर्यटन परियोजना की घोषणा की थी. हालांकि देश के नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी कृत्य पर जुर्माना लगाया जा सकता है. 

पुरुषों से खुलेआम मेल-मिलाप

सऊदी अरब ने हाल की सालों में महिलाओं और पुरुषों को सार्वजनिक रूप से मिने-जुलने की परमिशन दे दी, सऊदी में सालों से महिलाओं और पुरुषों के खुलकर मिलने पर प्रतिबंध था. 

साल 2018 में महिलाओं को पहली बार मैच देखने के लिए फुटबॉल स्टेडियम में जाने की परमिशन दी गई थी. अब वह पुरुषों के साथ म्यूजिक कंसर्ट में भी जा सकती हैं. 

सऊदी में अब महिलाओं को बीच पर जाने के लिए डरने की ज़रूरत नहीं है. अब यहां की महिलाओं के अबाया पहनने के नियमों में भी ढील दी गई है.

सऊदी में पहले महिलाएं खासकर सिर्फ स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में ही करियर तक सीमित थीं, अब वह वर्कप्लेस में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हैं.य

सऊदी अरब में साल 2016 के बाद से लाखों महिलाओं ने जॉब मार्केट में कदम रखा है. अब वह कर, जूता बेचने, बिजनेस करने और बॉर्डर ऑफिसर समेत अन्य व्यवसायों में आगे आ रही हैं. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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