दक्षिण हिंद महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हुए मलेशियाई एयरलाइन के विमान को लेकर 'सबसे विश्वसनीय' सुराग उस वक्त सामने आया जब उपग्रह के नये चित्रों में 122 अहम वस्तुएं दिखाई दीं।
मलेशिया के कार्यवाहक परिवहन मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन ने कहा कि फ्रांस द्वारा उपलब्ध कराए गए नए उपग्रह चित्रों में दक्षिण हिंद महासागर में पर्थ से करीब 2,557 किलोमीटर दूर 122 महत्वपूर्ण वस्तुएं दिखाई दीं।
हिशामुद्दीन ने कहा कि ये वस्तुएं आकार में 1 मीटर से 23 मीटर तक की हैं और तस्वीरों को ऑस्ट्रेलिया भेज दिया गया है जो इस मामले में खोजबीन की अगुवाई कर रहा है।
मलेशियन रिमोट सेंसिंग एजेंसी (एमआरएसए) को फ्रांस से उपग्रह की नई तस्वीरें प्राप्त हुई थीं। हिशामुद्दीन ने कहा कि ये तस्वीरें अब तक की सबसे विश्वसनीय सुराग हैं।
उन्होंने कहा कि नयी वस्तुएं उस इलाके के निकट दिखी हैं जहां चीन और आस्ट्रेलिया ने संभावित मलबे के दिखाने की बात की थी।
नयी तस्वीरों को कल पर्थ स्थित आस्ट्रेलिया रेसक्यू को-ऑर्डिनेशन सेंटर को भेज दिया गया।
आस्ट्रेलियाई समुद्री सुरक्षा प्राधिकरण ने ट्विटर पर कहा कि एक असैन्य विमान ने दो वस्तुएं देखी हैं, जबकि न्यूजरलैंड वायुसेना के पी-3 ओरियन विमान ने नीले रंग की वस्तु देखी हैं।
मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने बुधवार को चीन के विदेश उप मंत्री एवं विशेष दूत झांग येसुई से मुलाकात की। हिशामुद्दीन ने कहा कि उनकी भी झांग से मुलाकात हुई है। चीन ने इस मामले को लेकर मलेशियाई सरकार के रवैये पर सवाल खड़ा किया था। उसने जांच में शामिल करने की भी मांग की थी।
उधर, दुर्घटनाग्रस्त विमान के मलबे की खोज का अभियान आज आस्ट्रेलियाई पश्चिमी तट से फिर से शुरू होने के बीच आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबोट ने मलबा मिलने का भरोसा जताया।
मलेशिया एयरलाइंस के इस विमान ने बीते आठ मार्च को उड़ान भरी थी और इसके कुछ देर बाद यह लापता हो गया था। इसमें पांच भारतीय नागरिकों सहित 239 लोग सवार थे। इसमें सबसे अधिक चीन के 154 लोग सवार थे। मलेशियाई सरकार ने बीते सोमवार को विमान के हादसे का शिकार होने का एलान किया।
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