यूक्रेन (Ukraine) का चेर्नोबेल परमाणु पावर प्लांट (Chernobyl power Plant) अब संयुक्त राष्ट्र (UN) में परमाणु निगरानी करने वाली संस्था को आंकड़े नहीं भेज रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने चेर्नोबेल परमाणु पावर प्लांट के रूसी गार्डों के निर्देश पर काम करने पर चिंता जताई है. 24 फरवरी को, रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था और खराब पड़े परमाणु प्लांट पर कब्ज़ा कर लिया था. यह वही जगह है जहां 1986 में हुई बड़ी दुर्घटना में हजारों लोग मारे गए थे और यूरोप से लेकर पश्चिम तक परमाणु रेडिएशन फैल गया था.
इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी के चीफ राफेल ग्रॉसी ने कहा," ऐसे संकेत हैं कि चेर्नोबिल के न्यूक्लियर पावर प्लांट की सुरक्षा निगरानी के लिए बनाए गए डेटा ट्रांसमिशन सिस्टम से संपर्क टूट गया है."
IAEA की ओर से कहा गया है कि एजेंसी यूक्रेन की दूसरी जगहों पर भी सुरक्षा उपायों के लिए बनाए गए मॉनिटरिंग सिस्टम को स्टेटस देख रही है और आगे की जानकारी जल्द ही दी जाएगी."
IAEA परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने और ऐसी सामाग्री के दुरुपयोग को शुरुआत में ही रोकने के लिए जो उपाय करती है उन्हें "सेफगार्ड्स" या सुरक्षा उपाय कहा जाता है.
चेर्नोबेल में 200 टेकनिकल स्टाफ और गार्ड्स फंसे हुए हैं रूसी कब्जे के बाद पिछले 13 दिन से लगातार काम कर रहे हैं.
यूक्रेन के न्यूक्लियर रेगुलेटर के हवाले से IAEA ने कहा स्टाफ की हालत बिगड़ती जा रही है.
यह बंद पड़ा प्लांट उस अगल किए गए क्षेत्र में है जहां काम से हटाए गए रिएक्टर्स और परमाणु कचरे को जमा करने वाले संयंत्र हैं.
इस समय चेर्नोबेल में 200 कर्मचारी अब भी काम कर रहे हैं. किसी और परमाणु दुर्घटना को टालने के लिए यहां का लगातार प्रबंधन जरूरी है.
ग्रॉसी ने कहा," मैं बहुत चिंतित हूं चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट के स्टाफ को आ रही परेशानियों के बारे में सोचकर और परमाणु सुरक्षा को संभावित खतरे को लेकर".
मैं वहां पर रूसी सेना से कहना चाहती हूं कि वहां काम कर रहे लोगों को तुरंत सुरक्षित रोटेशन करने दिया जाए".
क्योंकि रिमोट डेटा ट्रांसमिशन कट कर दिया गया है, यूक्रेन के रेगुलेटर केवल प्लांट से ईमेल के जरिए संपर्क कर सकते हैं. ग्रॉसी ने यूक्रेन के पवार प्लांट्स की सभी पक्षों की तरफ से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए साइट की यात्रा या कहीं भी जाने का प्रस्ताव दिया.
रूस ने पिछले हफ्ते यूरोप के सबसे बड़े परमाणु पावर प्लांट जेपोरिजजिया पर हमला कर उसे भी अपने कब्जे में ले लिया था. यूक्रेन ने रूस पर परमाणु आतंक फैलाने का आरोप लगाया था.
केवल जेपोरिजजिया में ही आधुनिक दर्जे के 6 रिएक्टर्स हैं. इसे चेर्नोबेल से अधिक सुरक्षित तरीके से बनया गया है. IAEA ने कहा है कि 6 में से 2 अभी भी काम कर रहे हैं और प्लांट के कर्मचारी शिफ्ट में काम कर रहे हैं और रेडिएशन का स्तर भी स्थिर है.
रूस की तरफ से यूक्रेन पर यहां परमाणु हथियार जमा करने का आरोप लगाया गया था.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं