Russia Ukraine War : 'परमाणु हमले से बचाने वाली गोलियां' खरीद रहा अमेरिका, Nuclear Emergency की हो रही तैयारी

Ukraine War: अमेरिकी इतिहास में आयोडीन की ऐसी गोली की सबसे बड़ी ख़रीद हो रही है जिसे परमाणु इमरजेंसी या रेडिएशन के मामले में रक्त कोशिकाओं को होने वाले नुकसान के उपचार के तौर पर प्रयोग किया जाता है.

Russia Ukraine War : 'परमाणु हमले से बचाने वाली गोलियां' खरीद रहा अमेरिका, Nuclear Emergency की हो रही तैयारी

Ukraine War: परमाणु युद्ध के बढ़ते खतरे के बीच हो रहीं रेडिएशन ने बचने की तैयारियां ( प्रतीकात्मक तस्वीर)

रूस और यूक्रेन (Russia Ukraine War) के बीच लंबी खिंच रही जंग में परमाणु हमले (Nuclear Attack) का खतरा भी बढ़ रहा है.  रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) यह संकेत दे चुके हैं कि वह अपनी सीमा और संप्रभुता की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) के प्रयोग के प्रयोग से नहीं चूकेंगो तो वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) भी कह चुके हैं कि पुतिन की तरफ से परमाणु हथियारों के प्रयोग के ज़िक्र को मज़ाक नहीं समझा जाना चाहिए. अमेरिका अब बड़े पैमाने पर आयोडीन की ऐसी गोली ख़रीद रहा है जिसका इस्तेमाल परमाणु रेडिएशन से बचने में होता है. अमेरिका की एडमिनिस्ट्रेशन फॉर स्ट्रेटेजिक प्रीपेयर्डनेस एंड रेस्पांस की 4 अक्टूबर की प्रेस रिलीज़ के मुताबिक़ अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग बड़े पैमाने पर पोटाशियम आयोडाइड की गोली (Nplate) की ख़रीद कर रहा है.

290 मिलियन डॉलर की खरीद 

 हालांकि इसे सीधे तौर पर यूक्रेन रूस जंग का ज़िक्र नही है लेकिन साफ़ तौर पर लिखा गया है कि रेडियोलाजिकल और न्यूक्लियर इमरजेंसी को ध्यान में रख कर ऐसा किया जा रहा है. इसमें 2004 में अमेरिकी संसद में पास कानून का ज़िक्र कर कहा गया है कि रासायनिक और परमाणु हमले से बचने के लिए 290 मिलियन डॉलर की रकम निर्धारित की गई है. इसे अमेरिकी इतिहास में आयोडीन की गोली की सबसे बड़ी ख़रीद बताया गया है. इस दवा को परमाणु इमरजेंसी या रेडिएशन के मामले में रक्त कोशिकाओं को होने वाले नुकसान के उपचार के तौर पर प्रयोग किया जाता है. अमेरिका में इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे से निपटने की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है. 

रूस यूक्रेन को जोड़ने वाले पुल पर 8 अक्टूबर को हुए धमाके के बाद रूस ने यूक्रेन पर नए मिसाइल हमले किए हैं. अमेरिका के साथ साथ यूरोपीय देशों में भी इस बात की शंका है कि पुतिन परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर सकते हैं. फरवरी में युद्ध शुरु होने के बाद से ही कई देशों में पोटैशिमय आयोडाइड की गोलियों की ख़रीद बढ़ गई है.

अमेरिका ही नहीं यूरोप में भी हो रही तैयारी 

रिपोर्ट है कि पोलैंड, ब्रिटेन और फिनलैंड समेत यूरोपीय यूनियन के कई देशों में इस गोली की ख़रीद में कई हज़ार गुणा इज़ाफ़ा हुआ है. इससे इनकी क़ीमत ये भी दोगुने तक की बढ़ोतरी हो गई है.

परमाणु हमला जहां होता है वहां कई किलोमीटर के दायरें में सब कुछ राख में बदल जाता है. लेकिन परमाणु विकिरण की जद में आने का ख़तरा उनको भी होता है जो सैंकड़ों हज़ारों किलोमीटर दूर होते हैं. रेडियोएक्टिव तत्वों से शरीर को बहुत नुकसान पहुंचता है. पोटैशियम आयोडाइड इसी की रोकथाम करता है. अमेरिकी कंपनी अमगेन यूएसए इंक (Amgen USA Inc) से इस दवा Nplate की खरीद की जा रही है.

रेडिएशन के होते हैं घातक प्रभाव 

अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, अधिक रेडिएशिन का एक्सपोज़र होने से एक्यूट रेडिएशन सिंड्रोम हो जाता है. इसके कई लक्षण हो सकते हैं. गंभीर मामलों में शरीर पर इसके घातक प्रभाव होते हैं. इसमें बोन मैरो (bone marrow) खराब हो जाती है और इंटरनल ब्लीडिंग होने लगती है.  

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यह पहली बार नहीं है जब Nplate की मांग अचानक बढ़ी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2018 में अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ने के बाद भी रेडिएशन का उपचार करने वाली दवा की खरीद बढ़ गई थी. इस साल रूस के यूक्रेन पर आक्रमण शुरू करने के बाद भी पोटेशियम आयोडाइड की इन गोलियों को लोगों ने खरीदना शुरू किया था.