शिकागो:
अमेरिका में गिरफ्तार मुम्बई हमले के संदिग्ध तहव्वुर हुसैन राणा के मामले की सुनवाई के लिए 17 मई को जूरी चयन प्रक्रिया से कोई 20 उम्मीदवारों को बाहर कर दिया गया। चयन प्रक्रिया से बाहर किए जाने के कारणों में मुसलमानों के खिलाफ पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण रखने के साथ ही कई अन्य कारण शामिल रहे। न्यायाधीश जेम्स लीनिनवेबर ने पूरे दिन सम्भावित जूरी सदस्यों का साक्षात्कार लिया। लीनिनवेबर ने साक्षात्कार के दौरान मुख्यरूप से यह जानने की कोशिश की कि सम्भावित जूरी सदस्य इस्लाम के बारे में और मुसलमानों के बारे में कहीं नकारात्मक दृष्टिकोण तो नहीं रखते। जहां अधिकांश सम्भावित जूरी सदस्यों ने कहा कि उन्हें इस्लाम और मुसलमानों से कोई द्वेष नहीं है, वहीं कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने कहा कि वे इस्लाम का आदर नहीं करते। संख्या-14 वाला सम्भावित जूरी सदस्य ऐसा ही था। 16 मई को जो प्रश्न तालिका सम्भावित 100 जूरी सदस्यों को सौंपी गई थी, उसमें इस खास सदस्य ने सम्भवत: लिखा था, "आतंकवादी मुख्यरूप से मुस्लिम हैं, क्या मैं गलत कह रहा हू?" न्यायाधीश ने राणा के लिए निष्पक्ष सुनवाई के हित में इस उम्मीदवार को तत्काल खारिज कर दिया। निजता और निजी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जूरी सदस्यों की पहचान के लिए संख्याओं का इस्तेमाल किया गया है। संख्या-15 वाले उम्मीदवार को इसलिए बाहर कर दिया गया, क्योंकि इस्लाम के बारे में सख्त दृष्टिकोण के कारण वह निष्पक्ष नहीं हो सकती थीं। वह दक्षिण पूर्व एशियाई मूल की महिला थीं। एक और सम्भावित जूरी सदस्य, संख्या-21 को इसलिए खारिज कर दिया गया, क्योंकि दूसरों पर फैसला पारित करने में उन्हें एक नैतिक समस्या थी। उनके बाद वाले उम्मीदवार ने कहा कि उसे दांत और कंधे में बराबर दर्द रहता है, जिसके कारण वह हाथ में आए काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि चूंकि वह बेरोजगार हैं, लिहाजा वह कोई स्वास्थ्य बीमा भी नहीं करा पाए हैं। इन महाशय को भी चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। जूरी सदस्य संख्या-28 एक महिला थीं। उन्हें इसलिए मुक्त कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने बताया कि एक पुलिसकर्मी द्वारा उनकी बहन की कथितरूप से हत्या किए जाने के बाद से उनकी दिमागी हालत ठीक नहीं है। इसी तरह जूरी संख्या-36 को इसलिए खारिज कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने कहा कि वह सरकार पर विश्वास नहीं करतीं और आतंकवाद की समस्या बढ़ाचढ़ा कर पेश की गई है। न्यायाधीश ने चयन प्रक्रिया के दौरान सम्भावित जूरी सदस्यों से यह भी सवाल पूछा कि क्या वे अमेरिकी नागरिकों और गैर अमेरिकी नागरिकों के लिए समान कानूनी अधिकार चाहते हैं या नहीं। कई इसके बारे में अनिश्चित थे, मगर कई ऐसे भी थे जो समान अधिकार दिए जाने के खिलाफ थे, जबकि अमेरिकी संविधान समान अधिकार की गारंटी देता है। ज्ञात हो कि राणा पर पाकिस्तानी मूल के उसके अमेरिकी मित्र डेविड कोलमैन हेडली को मदद मुहैया कराने का आरोप है। हेडली 26 नवम्बर, 2008 को मुम्बई में हुए आतंकवादी हमले की साजिश रचने में लिप्त रहा है। हेडली व राणा हाईस्कूल में साथ पढ़े हैं। राणा (50) अपने वकीलों के साथ अदालत कक्ष में मौजूद था और सम्भावित जूरी सदस्यों के कुछ जवाबों पर मुस्कराता था। कभी-कभी वह कुछ लिखता था। जूरी चयन की प्रक्रिया गुरुवार तक चलने की सम्भावना है। इसके तहत 12 वास्तविक जूरी सदस्यों, छह वैकल्पिक सदस्यों और 20 अन्य जूरी सदस्यों का चयन किया जाएगा, ताकि अभियोजन एवं बचाव पक्ष को आपत्तिजनक सदस्यों को खारिज करने का मौका दिया जा सके। बचाव पक्ष को 10 चयनित सदस्यों को खारिज करने का अधिकार है, तो वहीं अभियोजन पक्ष छह जूरी सदस्यों को खारिज कर सकता है। मामले की सुनवाई 23 मई से शुरू होगी।
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