पैगबंर मोहम्मद (Prophet) के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर दुनिया के इस्लामिक देशों ने भारत सरकार के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में इस मसले पर माहौल शांत है. इस मुद्दे पर बांग्लादेश सरकार पर विपक्षी दल भारत से 'समझौता' करने का आरोप लगा रहे हैं. इसका बांग्लादेश के आईटी मंत्री हसन महमूद ने जवाब दिया है. महमूद ने कहा,यह भारत का आंतरिक मसला है और अन्य इस्लामिक मुल्कों से अलग बांग्लादेश में इसको लेकर कोई होहल्ला नहीं है. महमूद ने भारत सरकार द्वारा इस मुद्दे पर कानूनी कार्रवाई करने के फैसले को भी सराहा. हालांकि उन्होंने कहा कि पैगंबर के खिलाफ किसी भी बयान की निंदा की जानी चाहिए. भारतीय पत्रकारों से बातचीत में भारत में इसको लेकर केस दर्ज किया गया है और उम्मीद है कि आगे कार्रवाई भी होगी.
बांग्लादेश के आईटी मंत्री ने कहा, बांग्लादेश सरकार इस मुद्दे पर न तो समझौता कर रही है और न ही कभी ऐसा करेगी. हमने सार्वजनिक और आधिकारिक तौर पर इन बयानों की निंदा की है. उन्होंने कहा, जब भी दुनिया में ऐसा कुछ होता है तो कुछ इस्लामिक दल विरोध करते हैं और सामान्यतया ऐसा होता है.
उन्होंने कहा, यहां बांग्लादेश में, यह ज्यादा ध्यान खींचने वाला मुद्दा नहीं है क्योंकि यह अरब देशों, पाकिस्तान और मलेशिया के लिए है. BJP ने इस मुद्दे पर अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया और अपने दिल्ली मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को पैगंबर के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणी के बाद निष्कासित कर दिया था.
टिप्पणी पर मुस्लिम समूहों के विरोध के बीच, बीजेपी ने अल्पसंख्यकों की चिंताओं को दूर करने और इन सदस्यों से खुद को दूर करने के उद्देश्य से एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान की कड़ी निंदा करती है.
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