अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को एच-1बी वीजा धारकों को आश्वासन दिया कि उनका प्रशासन जल्द ऐसे बदलाव करेगा जिससे उन्हें अमेरिका में रुकने का भरोसा मिलेगा और जिससे उनके लिए ''नागरिकता लेने के लिए संभावित रास्ता बनेगा.'' अधिकतर एच-1बी वीजा धारक आईटी पेशेवर हैं. ट्रम्प ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि उनका प्रशासन एच-1बी वीजा में अमेरिकी नीतियों में बदलाव लाने की योजना बना रहा है और वह प्रतिभाशाली और उच्च कौशल लोगों को अमेरिका में करियर बनाने के लिए बढ़ावा देगा.
H1-B holders in the United States can rest assured that changes are soon coming which will bring both simplicity and certainty to your stay, including a potential path to citizenship. We want to encourage talented and highly skilled people to pursue career options in the U.S.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 11, 2019
ट्रम्प ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ''अमेरिका में एच-1बी वीजा धारक आश्वस्त हो सकते हैं कि बदलाव जल्द होंगे जिससे आपको यहां रूकने में आसानी होगी और आपको भरोसा मिलेगा. साथ ही इससे यहां की नागरिकता लेने का संभावित रास्ता खुलेगा. हम प्रतिभाशाली और उच्च कौशल लोगों को अमेरिका में कॅरियर बनाने के लिए बढ़ावा देंगे.''
भारतीय आईटी कंपनियों को एच-1बी वीजा मंजूरियों में 43 प्रतिशत की गिरावट
ट्रम्प का ट्वीट भारतीय पेशेवरों और खासकर आईटी क्षेत्र के पेशेवरों के लिए अच्छी खबर के रूप में सामने आया है, जिन्हें ग्रीन कार्ड अथवा स्थायी कानूनी निवास पाने में वर्तमान में करीब एक दशक तक का इंतजार करना पड़ता है. राष्ट्रपति शासनकाल के प्रथम दो वर्षों में ट्रम्प प्रशासन ने एच-1बी वीजा धारकों के वहां अधिक समय तक ठहरने, विस्तार और नया वीजा हासिल करना कठिन बना दिया था. भारतीय आईटी पेशेवर एच-1बी वीजा की काफी चाहत रखते हैं. यह गैर आव्रजन वीजा है जिसमें अमेरिकी कंपनियां विशेषज्ञ विदेशी कामगारों को रोजगार पर रखती हैं.
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