न्यूयार्क:
'टाइम' पत्रिका के वार्षिक 'पर्सन ऑफ द ईयर' सम्मान के लिए बनी वैश्विक प्रतिस्पर्द्धियों की सूची में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन मुकेश अंबानी और दुनियाभर में मशहूर इंटरनेट सर्च इंजन गूगल के भारतीय मूल के मुख्य कार्यकारी सुंदर पिचई भी शामिल हैं।
वर्ष 2015 के 'टाइम पर्सन ऑफ द ईयर' की घोषणा अगले माह, यानी दिसंबर में की जाएगी, और पत्रिका का कहना है कि सम्मान उस व्यक्ति को दिया जाएगा, जो अच्छी या बुरी, किसी भी वजह से सबसे अधिक चर्चा में रहे।
'टाइम' पत्रिका ने कहा कि भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को प्रोत्साहित किया और वह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के आधुनिकीकरण की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें उन विवादों का भी सामना करना पड़ा, जिन्हें कुछ लोग दक्षिणपंथी अतिवाद मानते हैं।
पिछले साल भी प्रतिस्पर्द्धी सूची में थे मोदी
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी पिछले साल भी इस प्रतिस्पर्द्धी सूची में थे। हालांकि उन्हें 'टाइम' के संपादकों की ओर से सम्मान के लिए नहीं चुना गया था, लेकिन पाठकों के सर्वेक्षण में उन्हें ही विजेता घोषित किया गया था और उन्हें कुल 50 लाख वोटों में से 16 प्रतिशत से भी ज़्यादा लोगों ने वोट दिए थे।
मुकेश अंबानी के संबंध में 'टाइम' ने कहा कि भारत में सबसे अमीर व्यक्ति रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन हैं, जिनके पास दूरसंचार परिसंपत्तियों से लेकर विश्व की कच्चे तेल की सबसे बड़ी रिफाइनरी तक है।
वैसे, प्रधानमंत्री मोदी तथा रिलायंस चेयरमैन के अलावा कुल 50 प्रतिस्पर्द्धियों में गूगल के सुंदर पिचई भी शामिल हैं। 'टाइम' ने कहा, "गूगल में 11 साल गुज़ारने के बाद पिचई कंपनी प्रमुख बने..."
इस बार अलग तरह से होगा सर्वेक्षण
इस बार एक अलग तरह के सर्वेक्षण 'फेस-ऑफ' (मुकाबला) में पीएम मोदी को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बरअक्स रखा गया है, जबकि मुकेश अंबानी को नाइजीरिया के राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी के मुकाबले रखा गया है।
'टाइम' ने पाठकों से कहा है कि वे ऐसे व्यक्ति के लिए मत दें, जिसे उनके विचार में 'पर्सन ऑफ द ईयर' पुरस्कार दिया जाना चाहिए। पाठकों की पसंद का सम्मान जीतने वाली हस्ती की घोषणा अगले महीने की जाएगी, और उसके बाद 'टाइम' के संपादक सम्मान के लिए 58 उम्मीदवारों में से एक का चुनाव करेंगे।
भारतीय प्रधानमंत्री को अब तक 1.3 प्रतिशत मत मिले हैं और इतने ही वोट सुंदर पिचई और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को मिले हैं, हालांकि मुकेश अंबानी को अब तक सिर्फ 0.2 फीसदी वोट हासिल हुए हैं।
ओबामा, ओलांद, आईएस प्रमुख भी दौड़ में शामिल
इस साल का सम्मान पाने की दौड़ में शामिल अन्य उम्मीदवारों में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, आईएसआईएस नेता अबु बक्र अल बगदादी, अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रैट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन, सीरिया, अफगानिस्तान और पूर्वी तथा पश्चिमी अफ्रीका से भागने वाले शरणार्थी, पाकिस्तान की नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई, टेस्ला प्रमुख एलोन मस्क, एपल के मुख्य कार्यकारी टिम कुक और पिछले साल के सम्मान विजेता पोप फ्रांसिस शामिल हैं।
पिछले नौ दशकों में 'टाइम' के उम्मीदवारों में महात्मा गांधी, एडॉल्फ हिटलर, एलिजाबेथ-द्वितीय से लेकर अमेरिकी सैनिक, प्रदर्शनकारी, भंडाफोड़ करने वाले आदि शामिल रहे हैं। 'टाइम' ने कहा है कि वर्ष 2015 की सूची ऐसी हस्तियों से भरी पड़ी है, जिन्होंने इस साल को परिभाषित किया है।
वर्ष 2015 के 'टाइम पर्सन ऑफ द ईयर' की घोषणा अगले माह, यानी दिसंबर में की जाएगी, और पत्रिका का कहना है कि सम्मान उस व्यक्ति को दिया जाएगा, जो अच्छी या बुरी, किसी भी वजह से सबसे अधिक चर्चा में रहे।
'टाइम' पत्रिका ने कहा कि भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को प्रोत्साहित किया और वह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के आधुनिकीकरण की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें उन विवादों का भी सामना करना पड़ा, जिन्हें कुछ लोग दक्षिणपंथी अतिवाद मानते हैं।
पिछले साल भी प्रतिस्पर्द्धी सूची में थे मोदी
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी पिछले साल भी इस प्रतिस्पर्द्धी सूची में थे। हालांकि उन्हें 'टाइम' के संपादकों की ओर से सम्मान के लिए नहीं चुना गया था, लेकिन पाठकों के सर्वेक्षण में उन्हें ही विजेता घोषित किया गया था और उन्हें कुल 50 लाख वोटों में से 16 प्रतिशत से भी ज़्यादा लोगों ने वोट दिए थे।
मुकेश अंबानी के संबंध में 'टाइम' ने कहा कि भारत में सबसे अमीर व्यक्ति रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन हैं, जिनके पास दूरसंचार परिसंपत्तियों से लेकर विश्व की कच्चे तेल की सबसे बड़ी रिफाइनरी तक है।
वैसे, प्रधानमंत्री मोदी तथा रिलायंस चेयरमैन के अलावा कुल 50 प्रतिस्पर्द्धियों में गूगल के सुंदर पिचई भी शामिल हैं। 'टाइम' ने कहा, "गूगल में 11 साल गुज़ारने के बाद पिचई कंपनी प्रमुख बने..."
इस बार अलग तरह से होगा सर्वेक्षण
इस बार एक अलग तरह के सर्वेक्षण 'फेस-ऑफ' (मुकाबला) में पीएम मोदी को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बरअक्स रखा गया है, जबकि मुकेश अंबानी को नाइजीरिया के राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी के मुकाबले रखा गया है।
'टाइम' ने पाठकों से कहा है कि वे ऐसे व्यक्ति के लिए मत दें, जिसे उनके विचार में 'पर्सन ऑफ द ईयर' पुरस्कार दिया जाना चाहिए। पाठकों की पसंद का सम्मान जीतने वाली हस्ती की घोषणा अगले महीने की जाएगी, और उसके बाद 'टाइम' के संपादक सम्मान के लिए 58 उम्मीदवारों में से एक का चुनाव करेंगे।
भारतीय प्रधानमंत्री को अब तक 1.3 प्रतिशत मत मिले हैं और इतने ही वोट सुंदर पिचई और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को मिले हैं, हालांकि मुकेश अंबानी को अब तक सिर्फ 0.2 फीसदी वोट हासिल हुए हैं।
ओबामा, ओलांद, आईएस प्रमुख भी दौड़ में शामिल
इस साल का सम्मान पाने की दौड़ में शामिल अन्य उम्मीदवारों में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, आईएसआईएस नेता अबु बक्र अल बगदादी, अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रैट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन, सीरिया, अफगानिस्तान और पूर्वी तथा पश्चिमी अफ्रीका से भागने वाले शरणार्थी, पाकिस्तान की नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई, टेस्ला प्रमुख एलोन मस्क, एपल के मुख्य कार्यकारी टिम कुक और पिछले साल के सम्मान विजेता पोप फ्रांसिस शामिल हैं।
पिछले नौ दशकों में 'टाइम' के उम्मीदवारों में महात्मा गांधी, एडॉल्फ हिटलर, एलिजाबेथ-द्वितीय से लेकर अमेरिकी सैनिक, प्रदर्शनकारी, भंडाफोड़ करने वाले आदि शामिल रहे हैं। 'टाइम' ने कहा है कि वर्ष 2015 की सूची ऐसी हस्तियों से भरी पड़ी है, जिन्होंने इस साल को परिभाषित किया है।
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