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This Article is From Feb 11, 2025

PM Modi France Visit: मार्सिले पहुंचे PM मोदी, विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को देंगे श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पोस्ट में बताया कि मार्सिले में लैंड किया. भारत की स्वतंत्रता की खोज में इस शहर का विशेष महत्व है. मैं मार्सिले के लोगों और उस समय के फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मांग की थी कि उन्हें ब्रिटिश हिरासत में न सौंपा जाए. वीर सावरकर की बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी.

PM Modi France Visit: मार्सिले पहुंचे PM मोदी, विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को देंगे श्रद्धांजलि

 फ्रांस पहुंचे पीएम मोदी बुधवार को मार्सिले में ‘Mazargues War Cemetery' पहुंच गए हैं. यहां एक स्मारक है, जो विश्वयुद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों की स्मृति में बना है. यहां पीएम मोदी शहीद वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देंगे. उनके साथ फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी इस दौरान मौजूद रहेंगे. पीएम मोदी बुधवार को आईटीईआर साइट पर भी जाएंगे - जो इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) का केंद्र है. परमाणु ऊर्जा के उपयोग करने की दिशा में इसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पोस्ट में बताया कि मार्सिले में लैंड किया. भारत की स्वतंत्रता की खोज में इस शहर का विशेष महत्व है. मैं मार्सिले के लोगों और उस समय के फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मांग की थी कि उन्हें ब्रिटिश हिरासत में न सौंपा जाए. वीर सावरकर की बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी.

बताते चलें कि प्रधानमंत्री मोदी सैनिकों को सम्मान देने के प्रबल समर्थक रहे हैं, विशेष रूप से उन सैनिकों के, जिनके बलिदान को समय के साथ भुला दिया गया है. प्रधानमंत्री जब भी विदेश दौरे पर जाते हैं तो उनकी कोशिश होती है कि शहीद सैनिकों श्रद्धांजलि देने वो इन जगहों पर पहुंचे. 

कब-कब वॉर मेमोरियल पहुंचे हैं पीएम मोदी

  • नवंबर 2014: ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान, पीएम मोदी ने कैनबरा स्थित ऑस्ट्रेलियन वॉर मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी. 
  • अप्रैल 2015: प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के Neuve-Chapelle में प्रथम विश्व युद्ध के भारतीय सैनिकों के स्मारक पर श्रद्धांजलि दी थी. ऐसा करने वाले वे भारत के पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने थे. 
  • नवंबर 2015: सिंगापुर में स्थित आईएनए (इंडियन नेशनल आर्मी) मेमोरियल मार्कर पर श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले भी पीएम मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने थे. 
  • जुलाई 2017: इज़राइल के हैफा में उन्होंने सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी. इसके बाद, सितंबर 2018 के 'मन की बात' संबोधन में, उन्होंने मैसूर, हैदराबाद और जोधपुर लांसर्स के उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी थी. जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हैफा को अत्याचारियों से मुक्त कराया था. 
  • अक्टूबर 2018: प्रधानमंत्री मोदी ने प्रथम विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों के योगदान को याद किया था और कहा था कि हमारा उस युद्ध से कोई सीधा संबंध नहीं था, फिर भी हमारे सैनिकों ने अद्वितीय साहस दिखाया था. एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और सर्वोच्च बलिदान दिया था. कठिन परिस्थितियों में भी हमारे सैनिकों ने अद्वितीय वीरता का परिचय दिया था. 
  • जून 2023: मिस्र की राजकीय यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने काहिरा के हेलियोपोलिस कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव सेमेट्री में 4,300 भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मिस्र और अदन में अपने प्राणों की आहुति दी थी. 
  • अगस्त 2024: पोलैंड की राजधानी वारसॉ में पीएम मोदी ने 'मॉन्यूमेंट टू द बैटल ऑफ मोंटे कासिनो' पर श्रद्धांजलि अर्पित की थी. यह स्मारक पोलैंड, भारत और अन्य देशों के उन सैनिकों के बलिदान और वीरता को याद करता है, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इटली के प्रसिद्ध मोंटे कासिनो युद्ध में एक साथ संघर्ष किया था.

क्या है आईटीईआर?
अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) एक परमाणु संलयन (Nuclear Fusion) ऊर्जा संयंत्र है. आईटीईआर,संलयन ऊर्जा को शांतिपूर्ण तरीके से इस्तेमाल करने की वैज्ञानिक और तकनीकी व्यवहार्यता को साबित करेगा. परमाणु संलयन के दौरान जब दो हल्के नाभिक परस्पर संयुक्त होकर एक भारी तत्व के नाभिक की रचना करते हैं तो इस प्रक्रिया को नाभिकीय संलयन कहते हैं. नाभिकीय संलयन के फलस्वरूप जिस नाभिक का निर्माण होता है उसका द्रव्यमान संलयन में भाग लेने वाले दोनों नाभिकों के सम्मिलित द्रव्यमान से कम होता है. द्रव्यमान में यह कमी ऊर्जा में रूपान्तरित हो जाती है. सूर्य के उर्जा का यह सोर्स है. अब तक दुनिया भर में इस प्रक्रिया से निकलने वाली उर्जा के समुचित उपयोग की व्यवस्था नहीं हुई है. अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर इस क्षेत्र में काम कर रहा है. 

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