- PM मोदी का जोहान्सबर्ग एयरपोर्ट पर स्थानीय महिलाओं द्वारा जमीन पर प्रणाम कर भव्य स्वागत किया गया
- PM जी-20 लीडर्स समिट में भारत का दृष्टिकोण तीन प्रमुख सत्रों में वैश्विक मुद्दों पर पेश करेंगे
- जी-20 शिखर सम्मेलन का पहला सत्र समावेशी और सतत आर्थिक विकास तथा ऋण बोझ और वित्तपोषण पर केंद्रित रहेगा
पीएम मोदी इन दिनों दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर हैं. पीएम मोदी शुक्रवार को जोहान्सबर्ग एयरपोर्ट पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया है. उनके स्वागत में एयरपोर्ट पर पहले से ही कई स्थानीय कलाकार मौजूद थे. इन कलाकारों में खास तौर पर महिलाएं थीं. जैसे ही पीएम मोदी ने अपने प्लेन से बाहर कदम रखा तो उनका ध्यान इन महिला कलाकारों पर गई. ये कलाकार अपने पारंपरिक नृत्स से पीएम का स्वागत कर रहीं थी. पीएम मोदी के स्वागत के दौरान कुछ ऐसा हुआ जो शायद पहले कभी अफ्रीका में किसी भारतीय पीएम के स्वागत में कभी नहीं हुआ. हुआ कुछ यूं कि इन महिला कलाकारों ने पीएम मोदी के इस दौरे को खास बनाने के लिए स्वागत नृत्य के बाद उन्हें विशेष धन्यवाद दिया और जमीन पर लेटकर उन्हें सम्मान दिया.

महिलाओं द्वारा पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत करने का ये तरीका अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वायरल हो रही तस्वीर में दिख रहा है कि किस तरह से अफ्रीकी महिलाएं पीएम मोदी का जमीन पर लेकर प्रणाम कर रही हैं और कैसे पीएम मोदी उनके अभिवादन को स्वीकार करने के लिए उन्हें झुक कर प्रणाम कर रहे हैं.
‘जी-20 लीडर्स' समिट का आयोजन जोहान्सबर्ग में
आपको बता दें कि ‘जी-20 लीडर्स' समिट का आयोजन जोहान्सबर्ग में होने जा रहा है. यह लगातार चौथी बार है जब जी-20 शिखर सम्मेलन विकासशील देशों में आयोजित हो रहा है. समिट में प्रधानमंत्री मोदी ‘जी-20' एजेंडा पर भारत का दृष्टिकोण पेश करेंगे. पीएम मोदी के समिट के तीनों सत्रों में संबोधित करने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक मुद्दों पर भारत की स्पष्ट और प्रभावशाली दृष्टि दुनिया के सामने रखेंगे।
शिखर सम्मेलन के तीनों प्रमुख सत्रों में पीएम मोदी का संबोधन
विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन के तीनों प्रमुख सत्रों में विचार व्यक्त करेंगे. पहला सत्र ‘समावेशी और सतत आर्थिक विकास-किसी को पीछे न छोड़ना' पर केंद्रित रहेगा. इस सत्र में अर्थव्यवस्था के निर्माण, व्यापार की भूमिका, विकास के लिए वित्तपोषण और ऋण बोझ जैसे विषयों पर चर्चा होगी. दूसरा सत्र ‘एक सक्षम और लचीली दुनिया-जी-20 का योगदान' पर आधारित होगा. इसमें आपदा जोखिम न्यूनीकरण, जलवायु परिवर्तन, न्यायसंगत ऊर्जा परिवर्तन और वैश्विक खाद्य प्रणालियों को मजबूती देने पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
शिखर सम्मेलन का तीसरा सत्र ‘सभी के लिए न्यायपूर्ण भविष्य' पर केंद्रित होगा. इसमें महत्वपूर्ण खनिज प्रबंधन, सम्मानजनक रोजगार और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जिम्मेदार उपयोग जैसे विषय प्रमुख रहेंगे. इन मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण प्रधानमंत्री के संबोधनों के माध्यम से दुनिया के सामने आएगा.
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