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This Article is From Nov 30, 2018

साल के इस मौसम में भारतीय हो जाते हैं ज्यादा आलसी, नहीं करते ऑफिस में काम

भारत में गर्मी के कारण कार्यबल की उत्पादकता करीब सात फीसदी घट जाती है, जो 75 अरब मानव घंटे (मैन आवर्स) के बराबर है. यहां मानव घंटे से अभिप्राय औसतन एक घंटा में किसी व्यक्ति द्वारा किया गया काम से है. 

साल के इस मौसम में भारतीय हो जाते हैं ज्यादा आलसी, नहीं करते ऑफिस में काम
गर्मी के मौसम में चीन से भी कम काम कर पाते हैं भारत में लोग : रिपोर्ट
नई दिल्ली: भारत में गर्मी के मौसम में लोगों के काम-काज पर असर पड़ता है और वे चीन के लोगों से भी कम काम कर पाते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गर्मी के कारण कार्यबल की उत्पादकता करीब सात फीसदी घट जाती है, जो 75 अरब मानव घंटे (मैन आवर्स) के बराबर है. यहां मानव घंटे से अभिप्राय औसतन एक घंटा में किसी व्यक्ति द्वारा किया गया काम से है. 

स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर गुरुवार को लांसेट पत्रिका द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, यह आंकड़ा चीन की तुलना में करीब चार गुना ज्यादा है जबकि दुनियाभर में 153 अरब मानव घंटे के आधे से थोड़ा ही कम है. यह आंकड़ा वर्ष 2017 का है.

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रिपोर्ट के अनुसार, चीन में गर्मी के कारण एक साल में 21 अरब मानव घंटे की बर्बादी हुई जोकि उसके कार्यबल के पूरे साल के काम का 1.4 फीसदी है. 

दुनियाभर में पिछले साल 2000 की तुलना में 15.7 करोड़ अधिक लोग गर्मी से पीड़ित थे जबकि 2016 के मुकाबले 1.8 करोड़ लोग गर्मी से पीड़ित थे. 

हालिया रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन की सबसे ज्यादा सामाजिक व आर्थिक कीमत चुकाने वाले देशों में भारत भी शामिल है जहां एक टन अतिरिक्त कार्बन डाईऑक्साइड के उर्त्सजन की कीमत 58 डॉलर होती है जबकि अमेरिका में 48 डॉलर और सऊदी अरब में 47.5 डॉलर.

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इनपुट - आईएएनएस

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