
- महाराष्ट्र विधान भवन मारपीट मामले में नितीन देशमुख और सर्जेराव टकले को कोर्ट ने 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
- मरीन ड्राइव पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने कोर्ट से 7 दिनों की कस्टडी मांगी की थी.
- एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड पर पुलिस वाहन रोकने और कानूनी कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप लगा है.
महाराष्ट्र विधान भवन परिसर में हुए विवाद और मारपीट के मामले में राज्य की राजनीति में हड़कंप मच गया है. इस मामले में शामिल एनसीपी कार्यकर्ता नितीन देशमुख और बीजेपी गुट के कार्यकर्ता सर्जेराव टकले को मरीन ड्राइव पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने दोनों को 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. पुलिस ने कोर्ट से 7 दिन की कस्टडी की मांग की थी.
कहासुनी झगड़े में बदल गई
पुलिस के अनुसार सर्जेराव टकले के पास विधान भवन परिसर में प्रवेश का पास नहीं था, फिर भी वे परिसर में पहुंचे और अपने साथ भीड़ भी लेकर आए. यहां उनका सामना नितीन देशमुख से हुआ, जहां दोनों के बीच कहासुनी झगड़े में बदल गई. पुलिस को शक है कि यह झड़प पूर्व नियोजित थी, क्योंकि इससे पहले भी दोनों के बीच विवाद हो चुका था.
पुलिस ने दावा किया है कि उनके पास दोनों आरोपियों के व्हाट्सएप चैट और अन्य डिजिटल साक्ष्य हैं. सर्जेराव टकले पर IPC की धारा 353 (सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा) के तहत मामला दर्ज हुआ है. वहीं, नितीन देशमुख पर IPC की धारा 354 (महिला पर आपराधिक बल प्रयोग) और धारा 452 (गैरकानूनी प्रवेश) के तहत गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
दोनों आरोपियों के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज
पुलिस ने कोर्ट में कहा कि दोनों आरोपियों के खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और उन्हें इनसे संबंधित पूछताछ करनी है. साथ ही घटना की सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के पास है, जिससे जांच को आगे बढ़ाया जा सकेगा. पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि नितीन देशमुख द्वारा एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड को भेजा गया. एक व्हाट्सएप मैसेज कहीं, इस घटना से जुड़ा राजनीतिक षड्यंत्र तो नहीं है.
नितीन देशमुख के वकील ने कोर्ट में कहा कि देशमुख के पास वैध पास था और वे खुद इस हमले का पीड़ित हैं. वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि उनका शर्ट फाड़ा गया और उन्होंने किसी पुलिसकर्मी से मारपीट नहीं की. टकले के वकील ने कहा कि यह घटना आकस्मिक थी और इसमें किसी तरह की साजिश नहीं थी. उल्टा, घटना के बाद दूसरे गुट के कार्यकर्ताओं ने पुलिस की गाड़ी रोकी, जिसकी वजह से खुद उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई है.
इस मामले में अब एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड का नाम भी सामने आया है. मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज एफआईआर के अनुसार, जब पुलिस नितीन देशमुख को मोबाइल वैन (MH 01 4857) में लेकर थाने ले जा रही थी, तब आव्हाड अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे और पुलिस वाहन को आगे बढ़ने से रोका.
पुलिस का आरोप है कि आव्हाड और उनके साथ मौजूद 10-12 लोगों ने पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की और कहा कि नितीन देशमुख को थाने न ले जाया जाए. पुलिस ने बताया कि ये लोग वाहन के सामने खड़े हो गए और कानूनी कार्यवाही में बाधा डाली.
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