गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठकों से इतर सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शरीक हुए. हालांकि जैसे ही भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने बोलना शुरू किया पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी कमरे से बाहर आ गए. अपनी बात पूरी करने के बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) भी पाकिस्तानी विदेश मंत्री के लौटने से पहले निकल आए. बाद में महमूद क़ुरैशी ने भारतीय विदेश मंत्री के संबोधन के बहिष्कार को कश्मीर से जोड़ दिया. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि सार्क सम्मेलन इस्लामाबाद में होना तय है.भारत की वजह से 2016 से रोकना पड़ा. किसी देश ने विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा कि हम पीएम मोदी को सार्क में बुला रहे हैं. जो सार्क का हिस्सा हैं वे सब आएं
अनुच्छेद 370 हटने से पहले कश्मीर का 'बहुत बुरा हाल' था : विदेशमंत्री एस. जयशंकर
उसने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ तब तक कोई बातचीत शुरू नहीं करेगा 'जब तक वे कश्मीर में पाबंदी समाप्त नहीं करता.' उन्होंने कहा, 'उन्हें कश्मीरियों के मानवाधिकारों की रक्षा करनी चाहिए, सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका संरक्षण हो और उनका दमन-शोषण नहीं किया जाए.' कुरैशी जयशंकर के संबोधन के बाद ही वहां पहुंचे. बैठक के लिए देर से आने के बारे में पूछे जाने पर, कुरैशी ने कहा कि वह कश्मीर पर विरोध स्वरूप भारतीय मंत्री के साथ नहीं बैठना चाहते हैं. जयशंकर से जब उनके संबोधन के दौरान उनके पाकिस्तानी समकक्ष की अनुपस्थिति पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा 'नहीं'. भारत द्वारा गत अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त करने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. भारत के फैसले पर पाकिस्तान की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आयी. पाकिस्तान ने राजनयिक संबंधों को कमतर किया और भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया.
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भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीय बनाने की कोशिश कर रहा है लेकिन नयी दिल्ली ने कहा है कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त करना उसका आंतरिक मामला है. दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) एशिया का क्षेत्रीय समूह है. इसमें भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं. पिछले साल तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दक्षेस के मंत्रियों की परिषद की बैठक में अपने संबोधन के बाद वहां से निकल गई थीं. उस समय जम्मू कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या और कश्मीर में मारे गए एक आतंकवादी का महिमामंडन करते हुए पाकिस्तान द्वारा डाक टिकट जारी करने के बाद दोनों देशों में तनाव था.
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