विदेशी मुद्रा की भारी तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों से प्रवासी भारतीयों और चीन के प्रवासियों से सीख लेने को कहा जिन्होंने अपनी मातृभूमि में काफी निवेश किया है. इमरान खान ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये प्रवासी पाकिस्तानियों से देश में निवेश करने का आह्वान करते हुये उन्हें भ्रष्टाचार मुक्त माहौल उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया.
भ्रष्टाचार निरोधक दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण पाकिस्तान के अस्तित्व को ही खतरा उत्पन्न हो गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें जो धन युवाओं की शिक्षा, अनुसंधान और उच्च शिक्षा में खर्च करना था, उसे समुद्र के पास महल बनाने और बैंक खातों को भरने में उपयोग किया जा रहा है.''
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तानी आवाम इस बात से अनभिज्ञ है कि भ्रष्टाचार के कारण उनके जीवन पर कितना गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘लोग भ्रष्टाचार और उनके जीवन के बीच संबंध को नहीं समझते हैं ... भ्रष्टाचार से उनके जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है.''
सत्तारूढ़ तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की तरफ से खान के हवाले से टि्वटर पर लिखा गया है, ‘‘विदेशों में रह रहे चीन के लोगों ने चीन में निवेश किया. प्रवासी भारतीयों ने भारत में निवेश किया. उनकी अर्थव्यवस्थाएं मजबूत हुईं हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘प्रवासी पाकिस्तानी हमारी बड़ी संपत्ति हैं। मैं उनसे जुड़ा हुआ हूं. वे पाकिस्तान में निवेश के इच्छुक नहीं हैं. इसका कारण भ्रष्टाचार और रिश्वत है.''
उन्होंने कहा कि जिस समाज में भ्रष्टाचार फैला हो वहां कोई निवेश नहीं करना चाहता है.
प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाला ‘नेशनल एकाउंटेबिलिटी ब्यूरो' के कामकाज की तारीफ की. उन्होंने कहा कि लूट का धन बरामद करने के लिये संस्था की तारीफ की जानी चाहिए.
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल भारत की विदेशी प्राप्ति दुनिया में सबसे अधिक 79 अरब डालर रही जबकि चीन की 67 अरब डालर और मैक्सिको के प्रवासियों ने 36 अरब डालर अपने देश में भेजे.
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