पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक पत्र लिखा है जिसमें भारत पर क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी. यह कदम ऐसे में उठाया गया है जब एक दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र की शक्तिशाली संस्था ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का नाम लेकर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी संगठन द्वारा किए गए भीषण हमले की कड़ी निंदा की थी. उन्होंने यह भी कहा कि भारत बिना किसी सबूत के पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान पर आरोप लगा रहा है.
वहीं इससे पहले आतंकी फंडिंग रोकने पर नजर रखन वाली संस्थान पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई थी और उसे ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा था. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने कहा है कि लश्कर, जैश और जमात उद दावा जैसे आतंकी संगठनों की फंडिंग पर सही तरीके से लगाम लगाने में पाकिस्तान नाकामयाब रहा है. पाकिस्तान को इन रणनीतिक कमियों से पार पाने के लिए काम करना चाहिए. पाकिस्तान इन आतंकी संगठनों- दाएश, अल कायदा, जमात-उद-दावा और उसी का अंग फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क और तालिबान से जुड़े लोगों से बने खतरे का सही आकलन नहीं दिखाता. FATF ने कहा है कि आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए जिस एक्शन प्लान की डेडलाइन जनवरी 2019 थी उस पर भी पाकिस्तान ने थोड़ी ही प्रगति दिखाई है. अब वो मई 2019 के लक्ष्य जल्द से जल्द पूरे करे.
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