चीनी बैंकों के संघ से पाकिस्तान को 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण कुछ दिनों के भीतर मिलने की उम्मीद है. देश के घटते नकदी भंडार के बीच पाकिस्तान के लिए ये राहत की खबर है. दरअसल चीन नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मदद के लिए एक बार फिर आगे आया है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने चीन से मिलने वाली मदद का ऐलान किया था और कहा था कि चीन के बैंकों ने उनके देश को 2.3 अरब अमेरिकी डॉलर के पुन: वित्तपोषण पर सहमति जताई है, जिससे पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होगी.
पाकिस्तान के स्थानीय मीडिया डॉन की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा कि ऋण समझौते के तहत नकदी की आमद दिनों के भीतर होने की उम्मीद है.
पाकिस्तान स्टेट बैंक के मुताबिक, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भारी दबाव में है, जो छह मई को समाप्त सप्ताह के दौरान 19 करोड़ डॉलर घटकर 10.308 अरब डॉलर रह गया. चीन और पाकिस्तान के बीच ये कर्ज समझौता उन खबरों के बीच आया है कि पाकिस्तान भी श्रीलंका के रास्ते पर चल रहा है और चीन के कर्ज के जाल में फंस जाएगा.
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इस समझौते के बारे में पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह ने ट्वीट कर लिखा था कि, ''चीनी बैंकों द्वारा जमा लगभग 2.3 अरब अमेरिकी डॉलर के पुन: वित्तपोषण के नियम और शर्तों पर सहमति व्यक्त की गई है.'' ''दोनों पक्षों की ओर से कुछ नियमित अनुमोदन के बाद जल्द ही वित्तपोषण प्राप्त होने की उम्मीद है, जिससे हमारे विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होगी.''
वहीं इतालवी प्रकाशन Osservatorio Globalizzazione के अनुसार पाकिस्तान की पहले से ही नाजुक अर्थव्यवस्था को एक और झटका लगा है. जब हाल ही में चीन ने लाहौर ऑरेंज लाइन प्रोजेक्ट के लिए नवंबर 2023 तक 55.6 मिलियन अमेरीकी डॉलर चुकाने की मांग की. (भाषा इनपुट के साथ)
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