नई दिल्ली:
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान में शुक्रवार को एक पाकिस्तानी हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में फिलीपींस और नॉर्वे के राजदूत एवं मलेशिया तथा इंडोनेशिया के राजदूत की पत्नी सहित सात लोगों की मौत हो गई।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। टीटीपी का कहना है कि उनका निशाना पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ थे।
हालांकि पाकिस्तान सेना ने पीओके के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में हुए इस हादसे के पीछे किसी आतंकवादी या विध्वसंक गतिविधि की संभावना से इनकार किया है। उसने कहा कि हेलीकॉप्टर उतरते समय तकनीकी गड़बड़ी के चलते दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होकर एक स्कूल भवन पर गिरा और उसमें आग लग गई। इस हादसे में नॉर्वे के राजदूत लीफ एच. लार्सेन, फिलीपीन के राजदूत डोमिंगो डी. लूसेनारियो जेआर, मलेशिया और इंडोनेशिया के राजदूतों की पत्नियों एवं दो सैन्य पायलटों और पाकिस्तानी चालक दल के एक सदस्य की मौत हो गई।
शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार इस एमआई-17 हेलीकॉप्टर पर छह पाकिस्तानी नागरिक और 11 विदेशी नागरिक सवार थे। जब वह नलतर घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हुआ तब वह आपात स्थिति में उतरने की कोशिश कर रहा था। वह स्कूल पर गिरा और स्कूल भवन में भी आग लग गयी।
सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल सलीम बाजवा ने ट्वीट किया कि नलतर अपडेट : सात लोग मारे गए। उनमें चार विदेशी (फिलीपीन और नार्वे के राजदूत एवं मलेशिया, इंडोनेशिया के राजदूतों की पत्नियां) थे, जबकि तीन पाकिस्तान के (दो पायलट और एक चालक दल का सदस्य) थे।
पोलैंड के राजदूत एंड्रजेज एनासिचोलिश और डच राजदूत मार्सेल डि विंक भी इस हादसे में घायल हो गए। मारे गए सैन्य पायलटों की पहचान मेजर अल्तमश और मेजर फैसल के रूप में हुई।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का विमान नलतर जाने के रास्ते में था, जहां उन्हें दो परियोजनाओं का उद्घाटन करना था। लेकिन इस हादसे की दुखद खबर के बाद उनके विमान को उसका मार्ग बदलकर वापस इस्लामाबाद भेज दिया गया। बाजवा ने बताया कि तीन एमआई-17 सैन्य हेलीकाप्टर 37 देशों के राजनयिकों को लेकर नलतर जा रहे थे, जहां पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ एक समारोह को संबोधित करने वाले थे।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हेलीकॉप्टर को मार गिराने का दावा किया और कहा कि शरीफ निशाने पर थे। टीटीपी के मुख्य प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने उर्दू में भेजे गए ईमेल बयान में कहा, 'हेलीकॉप्टर को विमान भेदी मिसाइल से मार गिराया गया। इससे पायलट एवं कई विदेशी राजदूतों की मौत हुई।'
खुरासानी ने कहा, 'तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के विशेष समूह ने नवाज शरीफ को उनकी इस यात्रा के दौरान निशाना बनाने के लिए विशेष योजना बनाई थी, लेकिन वह बच गए क्योंकि वह दूसरे हेलीकॉप्टर से सफर कर रहे थे।'
टीटीपी आतंकवादियों ने कहा, 'नवाज शरीफ और उनके सहयोगी हमारा निशाना थे। हम शीघ्र ही दुनिया को कंधे पर रखकर चलायी जाने वाली वह मिसाइल दिखायेंगे जो इस हमले में इस्तेमाल की गई।'
बाजवा ने कहा कि हेलीकॉप्टर तकनीकी खराबी के चलते दुर्घटनाग्रस्त हुआ। उन्होंने बताया, 'दो हेलीकॉप्टर सुरक्षित उतर गए लेकिन तीसरा हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें आग लग गई।'
वहीं रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने बताया कि हेलीकॉप्टर 25 फुट की उंचाई से गिरा और जमीन पर गिरने के बाद उसमें आग लग गई। उन्होंने बताया कि यह हादसा तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से हुआ और उस पर बाहरी हमले का कोई सबूत नहीं है।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। टीटीपी का कहना है कि उनका निशाना पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ थे।
हालांकि पाकिस्तान सेना ने पीओके के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में हुए इस हादसे के पीछे किसी आतंकवादी या विध्वसंक गतिविधि की संभावना से इनकार किया है। उसने कहा कि हेलीकॉप्टर उतरते समय तकनीकी गड़बड़ी के चलते दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होकर एक स्कूल भवन पर गिरा और उसमें आग लग गई। इस हादसे में नॉर्वे के राजदूत लीफ एच. लार्सेन, फिलीपीन के राजदूत डोमिंगो डी. लूसेनारियो जेआर, मलेशिया और इंडोनेशिया के राजदूतों की पत्नियों एवं दो सैन्य पायलटों और पाकिस्तानी चालक दल के एक सदस्य की मौत हो गई।
शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार इस एमआई-17 हेलीकॉप्टर पर छह पाकिस्तानी नागरिक और 11 विदेशी नागरिक सवार थे। जब वह नलतर घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हुआ तब वह आपात स्थिति में उतरने की कोशिश कर रहा था। वह स्कूल पर गिरा और स्कूल भवन में भी आग लग गयी।
सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल सलीम बाजवा ने ट्वीट किया कि नलतर अपडेट : सात लोग मारे गए। उनमें चार विदेशी (फिलीपीन और नार्वे के राजदूत एवं मलेशिया, इंडोनेशिया के राजदूतों की पत्नियां) थे, जबकि तीन पाकिस्तान के (दो पायलट और एक चालक दल का सदस्य) थे।
पोलैंड के राजदूत एंड्रजेज एनासिचोलिश और डच राजदूत मार्सेल डि विंक भी इस हादसे में घायल हो गए। मारे गए सैन्य पायलटों की पहचान मेजर अल्तमश और मेजर फैसल के रूप में हुई।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का विमान नलतर जाने के रास्ते में था, जहां उन्हें दो परियोजनाओं का उद्घाटन करना था। लेकिन इस हादसे की दुखद खबर के बाद उनके विमान को उसका मार्ग बदलकर वापस इस्लामाबाद भेज दिया गया। बाजवा ने बताया कि तीन एमआई-17 सैन्य हेलीकाप्टर 37 देशों के राजनयिकों को लेकर नलतर जा रहे थे, जहां पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ एक समारोह को संबोधित करने वाले थे।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हेलीकॉप्टर को मार गिराने का दावा किया और कहा कि शरीफ निशाने पर थे। टीटीपी के मुख्य प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने उर्दू में भेजे गए ईमेल बयान में कहा, 'हेलीकॉप्टर को विमान भेदी मिसाइल से मार गिराया गया। इससे पायलट एवं कई विदेशी राजदूतों की मौत हुई।'
खुरासानी ने कहा, 'तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के विशेष समूह ने नवाज शरीफ को उनकी इस यात्रा के दौरान निशाना बनाने के लिए विशेष योजना बनाई थी, लेकिन वह बच गए क्योंकि वह दूसरे हेलीकॉप्टर से सफर कर रहे थे।'
टीटीपी आतंकवादियों ने कहा, 'नवाज शरीफ और उनके सहयोगी हमारा निशाना थे। हम शीघ्र ही दुनिया को कंधे पर रखकर चलायी जाने वाली वह मिसाइल दिखायेंगे जो इस हमले में इस्तेमाल की गई।'
बाजवा ने कहा कि हेलीकॉप्टर तकनीकी खराबी के चलते दुर्घटनाग्रस्त हुआ। उन्होंने बताया, 'दो हेलीकॉप्टर सुरक्षित उतर गए लेकिन तीसरा हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें आग लग गई।'
वहीं रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने बताया कि हेलीकॉप्टर 25 फुट की उंचाई से गिरा और जमीन पर गिरने के बाद उसमें आग लग गई। उन्होंने बताया कि यह हादसा तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से हुआ और उस पर बाहरी हमले का कोई सबूत नहीं है।
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