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This Article is From Jan 05, 2018

क्या चीन और पाकिस्तान की 'करीबी' अमेरिका का सिरदर्द बन सकती है? अधिकारी ने कहा यह...

अमेरिकी अधिकारी इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि अमेरिका के हालिया कदम से पाकिस्तान की नजदीकियां चीन के साथ बढ़ेगी.

क्या चीन और पाकिस्तान की 'करीबी' अमेरिका का सिरदर्द बन सकती है? अधिकारी ने कहा यह...
चीन और पाकिस्तान के संबंधों को लेकर अमेरिकी अधिकारी ने सामने रखी यह बात (प्रतीकात्मक फोटो)
वॉशिंगटन: क्या अमेरिका चीन और पाकिस्तान की करीबी से 'परेशान' हो सकता है? या इन दोनों के संबंधों को ध्यान में रखते हुए कोई कड़ा कदम उठा सकता है. दरअसल, पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता रोकने से चीन से उसकी करीबियां बढ़ जाएंगी जैसे कयासों को कोई तवज्जो नहीं देते हुए अमेरिका ने कहा है कि दोनों देशों के साथ पाकिस्तान के संबंध भिन्न हैं. यह अधिकारी इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि अमेरिका के हालिया कदम से पाकिस्तान की नजदीकियां चीन के साथ बढ़ेगी.

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विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘मेरा मानना है कि वे (पाकिस्तान) दोनों देशों के साथ मजबूत संबंध बनाना चाहते हैं लेकिन यह जरुरी नहीं कि जो अमेरिका से मिलेगा, वही उन्हें चीन से मिलेगा.’ अधिकारी ने कहा, ‘हमारे पास यह क्षमता नहीं है कि हम बैंकों और कंपनियों को पाकिस्तान में 55 अरब डॉलर निवेश करने के निर्देश दें लेकिन साथ ही चीन के पास भी यह क्षमता नहीं है कि वह दुनिया को सर्वोच्च गुणवत्ता के सैन्य उपकरण मुहैया कराए.’

उन्होंने कहा, ‘हमें पाकिस्तान और चीन के रिश्ते से कोई दिक्कत नहीं है. चीन ने काफी निवेश किया हुआ है तथा उसकी और निवेश करने की योजना है.’ अधिकारी ने कहा, ‘पाकिस्तान को आर्थिक विकास और आर्थिक वृद्धि की जरुरत है. अगर चीन सक्षम है तो वह पाकिस्तान की स्थिरता, सुरक्षा तथा आर्थिक संपन्नता में योगदान देगा. यह ठीक है. यह अच्छी बात है.’ उन्होंने पाकिस्तान और चीन के लंबे और बेहद मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि ये संबंध अमेरिका पाकिस्तान संबंधों की कीमत पर नहीं बने हैं.

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विदेश विभाग के अधिकारी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान स्पष्ट रूप से हमारे संबंध समझता है और हम अंतरराष्ट्रीय तौर पर क्या सामने रख रहे हैं वह चीन से अलग है. वे चीन और अमेरिका के बीच किसी एक को चुनना नहीं चाहेंगे और वह दोनों देशों के साथ मजबूत संबंध चाहते हैं.’

इनपुट- भाषा

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