पाकिस्तान की जेल में बंद भारत के कुलभूषण जाधव.
इस्लामाबाद / दि हेग:
पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव को राजनयिक मदद मुहैया कराने की भारत की अर्जी खारिज कर दी. पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत अपने 'जासूस' कुलभूषण से सूचना हासिल करने के लिए चाहता है कि उसे राजनयिक मदद मुहैया कराई जाए.
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कुलभूषण जाधव को अप्रैल में जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. इसके बाद भारत ने मई में आईसीजे का रुख किया था. आईसीजे ने भारत की अपील पर अंतिम फैसला आने तक कुलभूषण की मौत की सजा पर रोक लगा रखी है. बहरहाल, भारत हमेशा से कहता आया है कि कुलभूषण नौसेना से रिटायर होने के बाद ईरान गए थे, जहां उनके व्यापारिक हित हैं और ईरान से ही उन्हें अगवा किया गया.
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एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, आईसीजे को सौंपे गए अपने जवाब में पाकिस्तान ने कहा कि वियेना संधि के तहत ऐसा प्रावधान जासूसों के लिए नहीं, बल्कि उनके लिए है जो वैध तरीके से देश में आते हैं. पाकिस्तान ने कहा कि 47 साल के कुलभूषण कोई आम शख्स नहीं हैं, क्योंकि वह 'जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों' को अंजाम देने के लिए देश में दाखिल हुए थे. अपने सूत्रों का हवाला देते हुए अखबार ने कहा कि पाकिस्तान ने कहा है कि 'भारतीयों ने इस बात को नहीं नकारा है कि कुलभूषण एक मुस्लिम नाम वाले पासपोर्ट पर सफर कर रहे थे.
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अखबार के मुताबिक, पाकिस्तान ने अपने जवाब में कहा, 'इस बाबत स्पष्टीकरण का अभाव है कि भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के निर्देशन में काम कर रहा एक सेवारत नौसैनिक कमांडर किसी दूसरे नाम पर कैसे सफर कर रहा था. इससे एक ही निष्कर्ष निकलता है कि भारत उसके पास मौजूद सूचना हासिल करने के लिए उसे राजनयिक मदद मुहैया कराना चाहता है.' पाकिस्तान ने कुलभूषण को राजनयिक मदद मुहैया कराने के भारत के अनुरोध को बार-बार खारिज किया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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कुलभूषण जाधव को अप्रैल में जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. इसके बाद भारत ने मई में आईसीजे का रुख किया था. आईसीजे ने भारत की अपील पर अंतिम फैसला आने तक कुलभूषण की मौत की सजा पर रोक लगा रखी है. बहरहाल, भारत हमेशा से कहता आया है कि कुलभूषण नौसेना से रिटायर होने के बाद ईरान गए थे, जहां उनके व्यापारिक हित हैं और ईरान से ही उन्हें अगवा किया गया.
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अखबार के मुताबिक, पाकिस्तान ने अपने जवाब में कहा, 'इस बाबत स्पष्टीकरण का अभाव है कि भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के निर्देशन में काम कर रहा एक सेवारत नौसैनिक कमांडर किसी दूसरे नाम पर कैसे सफर कर रहा था. इससे एक ही निष्कर्ष निकलता है कि भारत उसके पास मौजूद सूचना हासिल करने के लिए उसे राजनयिक मदद मुहैया कराना चाहता है.' पाकिस्तान ने कुलभूषण को राजनयिक मदद मुहैया कराने के भारत के अनुरोध को बार-बार खारिज किया है.
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