पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में कई दिनों से जारी राजनैतिक गतिरोध ने अब हिंसक रूप ले लिया है। शनिवार रात तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान और धर्मगुरु ताहिर अल कादरी के हजारों समर्थक संसद भवन में घुसने में कामयाब हो गए और वहां जमकर तोड़फोड़ की।
इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास की ओर कूच किया, लेकिन पुलिस और सुरक्षाबलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। जब वे नहीं रुके तो उन पर आंसू गैस के गोले दागे गए और रबर की गोलियां चलाई गईं। अब तक 300 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल हो चुके हैं और 100 से ज्यादा को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही एक महिला प्रदर्शनकारी की मौत की खबर भी सामने आ रही है।
इस्लामाबाद में हिंसक झड़प पर तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों पर हमला पुलिस ने नहीं किया, बल्कि इसमें सरकारी गुंडे शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि नवाज शरीफ सरकार दहशतगर्दी फैलाने में लगी है और इस लुटेरी सरकार को अब हर हाल में हटना होगा।
यह पूरा प्रदर्शन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को हटाने की मांग को लेकर चल रहा है। इसकी अगुवाई कर रहे हैं तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान और धमर्गुरु ताहिर अल कादरी। उनके हजारों समर्थक कई दिनों से इस्लामाबाद में डटे हुए हैं। फिलहाल संसद भवन और प्रधानमंत्री आवास पर सेना तैनात है और प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
पाकिस्तानी सरकार की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया है कि नवाज शरीफ किसी कीमत पर इस्तीफा नहीं देंगे। वहीं गृह मंत्रालय ने कहा है कि संसद भवन को पूरी तरह खाली करा लिया गया है और अब वह सुरक्षित है। इस पूरे घटनाक्रम की पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं पर पुलिस का जुल्म बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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