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This Article is From Dec 22, 2017

अमेरिका पर भड़का पाकिस्तान, कहा- सहयोगी राष्ट्र के साथ ऐसा बर्ताव करना ठीक नहीं

पाकिस्तान ने कहा कि सहयोगी देश एक दूसरे को नोटिस पर नहीं रखते हैं और सहयोगी राष्ट्र के साथ ऐसा बर्ताव भी नहीं करना चहिए.

अमेरिका पर भड़का पाकिस्तान, कहा- सहयोगी राष्ट्र के साथ ऐसा बर्ताव करना ठीक नहीं
अमेरिका और पाकिस्तान का झंडा (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद: अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस के बयान कि 'पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर तालिबान और दूसरे आतंकी संगठनों को ठिकाना उपलब्ध कराने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को नोटिस पर रखा है' के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान ने त्वरित जवाब दिया है. पाकिस्तान ने कहा कि सहयोगी देश एक दूसरे को नोटिस पर नहीं रखते हैं और सहयोगी राष्ट्र के साथ ऐसा बर्ताव नहीं किया जाना चाहिए. साथ ही कहा कि एक-दूसरे को नोटिस पर रखने की बजाय हमें शांति का माहौल बनाने और सुलह तंत्र विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. 

पाकिस्तान ने कहा कि सहयोगी देश एक दूसरे को नोटिस पर नहीं रखते हैं. नोटिस उन कारकों मसलन, नशीली दवाओं के उत्पादन में अप्रत्याशित वृद्धि, औद्योगिक पैमाने पर भ्रष्टाचार, प्रशासन की नाकामी और अफगानिस्तान के मुद्दों पर लगनी चाहिए. वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह बयान अमरीकी प्रशासन के साथ हुए व्यापक बातचीत से मेल नहीं खाता है, जिसे लेकर हमारी दोनों देशों के बीच लंबी वार्ता हुई थी.

बता दें कि अफगानिस्तान यात्रा के दौरान सैन्य साजोसामान और क्रिसमस सजावट के बीच करीब 500 जवानों को संबोधित करते हुए पेंस ने साफ कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान को चेतावनी दे दी है. पेंस अघोषित यात्रा पर अचानक अफगानिस्तान पहुंचे थे. 

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अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस में अमेरिका सैनिकों से पेंस ने कहा, ‘पाकिस्तान लंबे समय से तालिबान और अन्य आतंकवादी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करा रहा है, लेकिन अब वह दिन लद गये.’ उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘जैसा कि राष्ट्रपति ने कहा, मैं वही कह रहा हूं. पाकिस्तान को अमेरिका के साथ साझेदारी से बहुत कुछ मिलना है, जबकि पाकिस्तान अपराधियों और आतंकवादियों के साथ गठजोड़ से बहुत कुछ गंवा सकता है.’ पेंस ने दोनों पड़ोसियों भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ राज्येतर तत्वों को इस्तेमाल करने की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को लेकर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है.

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उन्होंने कहा, ‘हमारे सशस्त्र बलों के प्रभाव को सीमित करने वाले प्रतिबंधों को हमने हटा दिया है, इसलिए जैसा कि राष्ट्रपति ने कहा, आप लोग दुश्मन के खिलाफ पूरी तरह से अपनी सैन्य शक्ति का प्रयोग कर सकते हैं.’ उपराष्ट्रपति के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने सैनिकों को आतंकवादियों के खिलाफ सीधी कार्रवाई करने का अधिकार दे दिया है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वह आतंकवादी कहां छुपे हैं.

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