विज्ञापन
This Article is From Aug 20, 2016

पाक ने भारत की शर्त नजरअंदाज की, कश्मीर पर वार्ता के लिए विदेश सचिव को भेजा न्योता

पाक ने भारत की शर्त नजरअंदाज की, कश्मीर पर वार्ता के लिए विदेश सचिव को भेजा न्योता
भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
पाकिस्तानी डॉक्टरों को कश्मीर की यात्रा करने देने की अनुमति मांगी
पाक ने सोमवार को भी भारत को कश्मीर पर वार्ता के लिए न्योता दिया था
पाकिस्‍तान के विदेश सचिव ने जयशंकर के प्रस्ताव पर जवाब दिया है
इस्लामाबाद: सीमापार आतंकवाद पर वार्ता के भारत के प्रस्ताव को नजरअंदाज करते हुए पाकिस्तान ने शुक्रवार को विदेश सचिव एस जयशंकर को ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार’’ कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए इस महीने के अंत तक इस्लामाबाद आने का न्योता दिया.

पाकिस्तान ने ‘‘कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघनों का’’ आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें तत्काल खत्म किया जाना चाहिए और पाकिस्तानी डॉक्टरों तथा पैरामेडिक्स कर्मियों को कश्मीर की यात्रा करने देने की अनुमति मांगी है. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि उसके विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी ने सीमापार आतंकवाद पर वार्ता के लिए जयशंकर के प्रस्ताव पर जवाब दिया है. जवाब इस्लामाबाद में चौधरी द्वारा भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंब्वाले को सौंपा गया.

प्रवक्ता ने कहा कि पत्र में भारतीय विदेश सचिव को ‘‘जम्मू कश्मीर मसले पर चर्चा के लिए इस महीने के अंत तक इस्लामाबाद आने’’ का न्योता दिया गया ताकि राज्य की जनता की ‘आकांक्षाओं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार निष्पक्ष एवं न्यायसंगत समाधान निकाला जाए.’’ पाकिस्तान ने ‘‘डॉक्टरों और पैरामेडिक्स कर्मियों को जम्मू कश्मीर की यात्रा की अनुमति सहित’’ घायलों को चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा है.

इससे पहले, पाकिस्तान ने सोमवार को भारत को कश्मीर पर वार्ता के लिए न्यौता दिया था और कहा था कि इस मुद्दे को सुलझाना दोनों देशों के लिए ‘‘अंतरराष्ट्रीय बाध्यता’’ है. हालांकि भारत ने बुधवार को कश्मीर पर विदेश सचिव स्तरीय वार्ता के पाकिस्तान के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था और कहा था कि बातचीत ‘‘सीमापार आतंकवाद से संबंधित पहलुओं’’ पर होनी चाहिए जो जम्मू कश्मीर की वर्तमान स्थिति के केन्द्र में है.

जयशंकर ने सीमापार आतंकवाद पर चर्चा के लिए इस्लामाबाद जाने की इच्छा जताते हुए कहा था कि पाकिस्तान को जम्मू कश्मीर की स्थिति के किसी पहलू पर बातचीत का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि यह भारत का आंतरिक मामला है. भारत ने कल वार्ता के लिए शर्तें रखते हुए कहा था कि बातचीत में जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां खत्म करने और घाटी में हिंसा एवं आतंक को उकसाना खत्म करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरुवार को कहा था कि जयशंकर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष को बताया है कि वह इस्लामाबाद आने का न्योता स्वीकार करते हैं लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि बातचीत में सबसे पहले उनके द्वारा जम्मू कश्मीर की स्थिति को लेकर बताए गए पहलुओं पर ध्यान होना चाहिए.

स्वरूप ने कहा कि 16 अगस्त के एक पत्र में विदेश सचिव ने सबसे पहले रेखांकित किया था कि भारत सरकार पाकिस्तान द्वारा पत्र में उसकी तरफ से लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से खारिज करती है. पाकिस्तान का जम्मू कश्मीर के संबंध में कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है क्योंकि यह हमारे राष्ट्र का आंतरिक भाग है. जयशंकर ने अपने पत्र में कहा कि बातचीत में पाकिस्तान में भारतीय कानून से भागने वाले आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह, आश्रय और समर्थन नहीं देने पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
भारत -पाक संबंध, विदेश सचिव एस जयशंकर, भारत पाकिस्‍तान संबंध, कश्‍मीर पर वार्ता, कश्‍मीर हिंसा, Talks On Cross-border Terrorism, Pakistan, Foreign Secretary S Jaishankar, Kashmir Dispute