पाकिस्तान सरकार ने पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ की उस याचिका का विरोध किया है, जिसमें उन्होंने अपील की है कि उन पर लगा यात्रा प्रतिबंध हटाया जाए ताकि वह दुबई में अपनी बीमार मां से मिलने जा सकें।
सरकार ने मुशर्रफ की याचिका के संबंध में सिंध हाई कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ के समक्ष अपना जवाब पेश किया। याचिका में मुशर्रफ ने अपना नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) से हटाए जाने की अपील की है।
मुशर्रफ के वकील फार्रग नसीम ने बताया कि सरकार ने अपने जवाब में कहा कि 70 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति को चार विभिन्न मामलों में अदालत में पेश होने की आवश्यकता है इसलिए उनका नाम ईसीएल से हटाया नहीं जा सकता है।
सरकार ने यह दलील भी दी कि कुछ मामलों में दोषी पाए जाने पर मुशर्रफ को मृत्युदंड भी मिल सकता है और यदि उनका नाम ईसीएल से हटा दिया जाता है तो वह फरार हो सकते हैं।
सिंध हाई कोर्ट ने 23 अप्रैल को सरकार को यह बताने का आदेश दिया था कि उसने मुशर्रफ के विदेश जाने पर प्रतिबंध क्यों लगाया है। मुशर्रफ देशद्रोह के एक मामले समेत कई मामलों में आरोपी हैं।
न्यायमूर्ति मोहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति शाहनवाज तारिक की पीठ ने पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल (एजीपी) सलमान असलम बट्ट को संघीय अधिकारियों का जवाब 7 मई तक पेश करने का आदेश दिया था।
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