पाकिस्तान ने देश की जल सीमा का उल्लंघन करने के आरोप में 34 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है. इससे करीब 10 दिन पहले सद्भावना दिखाते हुए पाकिस्तान ने भारत के 60 कैदियों को रिहा किया था.
पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि मछुआरों को 7 मई को गिरफ्तार किया गया और उन्हें स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया गया है.
प्रवक्ता ने बताया, ‘‘ उन्हें न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा जो उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने पर फैसला करेंगे.''
इस साल जनवरी के बाद यह पहली बार है, जब समुद्री सुरक्षा एजेंसी ने भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है.
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पाकिस्तान ने जनवरी में पांच गुजराती मछुआरों को गिरफ्तार किया था और उन्हें जेल भेज दिया गया था.
पुलवामा में हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में दोनों मुल्कों के मध्य तनाव के बीच, 29 अप्रैल को पाकिस्तान ने ‘सद्भावना' के तहत 55 भारतीय मछुआरों और पांच नागरिकों को रिहा कर दिया था.
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पाकिस्तान सरकार ने पिछले महीने कराची की लांधी और मालिर जेलों से 250 से ज्यादा मछुआरों को रिहा किया था.
मछुआरों को तीन चरणों में रिहा किया गया था. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पहले ऐलान किया था कि सद्भावना के तहत अप्रैल में, चार अलग-अलग समूहों में 360 भारतीय मछुआरों को रिहा किया जाएगा.
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पाकिस्तान और भारत अक्सर मछुआरों को गिरफ्तार करते हैं क्योंकि अरब सागर में समुद्री सीमा का कोई स्पष्ट सीमांकन नहीं है और इन मछुआरों के पास अपनी सटीक स्थिति जानने के लिए तकनीक से लैस नावें नहीं हैं.
लंबी और धीमी नौकरशाही और कानूनी प्रक्रियाओं के कारण, मछुआरे आमतौर पर कई महीनों तक और कभी-कभी वर्षों तक जेल में रहते हैं.
जनवरी में भारत और पाकिस्तान ने कैदियों की सूची की अदला-बदली की थी जिसके तहत भारतीय जेलों में 347 पाकिस्तानी कैदी हैं, जिनमें से 249 नागरिक और 98 मछुआरे बताए गए हैं.
इनपुट- भाषा
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