
फोटो सौजन्य : रॉयटर्स
पेशावर:
पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिम हिस्से में एक युवा तालिबानी आत्मघाती हमलावर ने भीड़भाड़ वाले एक सरकारी दफ्तर के बाहर खुद को बम से उड़ा लिया, जिसमें कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और करीब 60 अन्य घायल हो गए। पेशावर स्कूल नरसंहार में 150 से अधिक मौतों वाली घटना के बाद से यह अब तक की सबसे ज्यादा खूनखराबा वाली घटना है।
अधिकारियों ने कहा कि यह धमाका खबर पख्तूनख्वा के मरदान कस्बे में नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑथोरिटी (नड्रा) के कार्यालय के बाहर उस समय हुआ जब मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए हमलावर ने सुरक्षाकर्मियों द्वारा उसे रोके जाने पर खुद को बम से उड़ा लिया। नड्रा सरकारी पहचान पत्र जारी करता है।
मरदान पुलिस उपमहानिरीक्षक सईद वजीर ने कहा, अगर हमलावर को एक सुरक्षाकर्मी ने कार्यालय के दरवाजे पर नहीं रोका होता तो मरने वालों की संख्या बहुत ज्यादा होती। उन्होंने कहा कि आशंका है कि विस्फोट में 12 किलोग्राम तक की विस्फोटक सामग्री प्रयोग की गई जिससे कार्यालय इमारत को भारी क्षति पहुंची।
धमाके से इमारत के पास खड़े कई वाहनों की खिड़कियों की शीशे टूट गए। एक आपातकालीन बचाव अधिकारी ने कहा कि कम से कम 26 लोग मारे गए। हमला ऐसे समय हुआ, जब करीब 400 लोग कार्यालय में मौजूद थे। घटनास्थल पर मानव शरीर के अंग बिखरे पड़े देखे गए।
घायलों को मरदान मेडिकल कांप्लेक्स, पेशावर अस्पताल और अन्य केंद्रों में भर्ती कराया गया है। कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। शहर में आपात स्थिति की घोषणा की गई है। इलाके को सुरक्षा एजेंसियों ने घेर लिया है। गृह मंत्रालय ने विस्फोट में तुरंत रिपोर्ट मांगी है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से जुड़े संगठन जमात उल अहरार ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
अधिकारियों ने कहा कि यह धमाका खबर पख्तूनख्वा के मरदान कस्बे में नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑथोरिटी (नड्रा) के कार्यालय के बाहर उस समय हुआ जब मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए हमलावर ने सुरक्षाकर्मियों द्वारा उसे रोके जाने पर खुद को बम से उड़ा लिया। नड्रा सरकारी पहचान पत्र जारी करता है।
मरदान पुलिस उपमहानिरीक्षक सईद वजीर ने कहा, अगर हमलावर को एक सुरक्षाकर्मी ने कार्यालय के दरवाजे पर नहीं रोका होता तो मरने वालों की संख्या बहुत ज्यादा होती। उन्होंने कहा कि आशंका है कि विस्फोट में 12 किलोग्राम तक की विस्फोटक सामग्री प्रयोग की गई जिससे कार्यालय इमारत को भारी क्षति पहुंची।
धमाके से इमारत के पास खड़े कई वाहनों की खिड़कियों की शीशे टूट गए। एक आपातकालीन बचाव अधिकारी ने कहा कि कम से कम 26 लोग मारे गए। हमला ऐसे समय हुआ, जब करीब 400 लोग कार्यालय में मौजूद थे। घटनास्थल पर मानव शरीर के अंग बिखरे पड़े देखे गए।
घायलों को मरदान मेडिकल कांप्लेक्स, पेशावर अस्पताल और अन्य केंद्रों में भर्ती कराया गया है। कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। शहर में आपात स्थिति की घोषणा की गई है। इलाके को सुरक्षा एजेंसियों ने घेर लिया है। गृह मंत्रालय ने विस्फोट में तुरंत रिपोर्ट मांगी है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से जुड़े संगठन जमात उल अहरार ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
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