पाकिस्तानी पत्रकार सायरिल अलमिदा (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान ने देश के एक प्रमुख पत्रकार की विदेश यात्रा पर लगी रोक आलोचनाओं के बाद शुक्रवार को हटा ली जिसने देश में आतंकवादी समूहों को शक्तिशाली आईएसआई के परोक्ष समर्थन को लेकर सरकार और सैन्य नेतृत्व के बीच एक दरार पड़ने की खबर दी थी.
डॉन समाचारपत्र के पत्रकार सिरिल अलमीडा पर यात्रा प्रतिबंध लगाने को लेकर मीडिया घरानों, पत्रकार संगठनों एवं नागरिक समाज की ओर से सरकार एवं सेना की व्यापक आलोचना की गई थी. अलमीडा का नाम इस सप्ताह ‘निकास नियंत्रण सूची’ (एक्जिट कंट्रोल लिस्ट) में डाल दिया गया था जब उन्होंने आतंकवादियों को आईएसआई के समर्थन को लेकर सेना और सरकार के बीच मौखिक टकराव होने की खबर दी थी.
सरकार ने एक अधिसूचना में कहा, ‘यह निर्णय किया गया है कि सिरिल अलमीडा का नाम निकास नियंत्रण सूची से हटाया जाए.’ उसने कहा, ‘सभी संबंधितों से इस मामले में तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया जाता है.’ निर्णय तब किया गया जब पाकिस्तान के गृह मंत्री निसार अली खान ने मीडिया प्रतिनिधि संगठनों, ‘ऑल पाकिस्तान न्यूजपेपर्स सोसाइटी और काउंसिल ऑफ पाकिस्तान न्यूजपेपर एडिटर्स के प्रतिनिधियों से इस्लामाबाद में मुलाकात की.
यह मुलाकात तब हुई जब सरकार को अलमीडा की यात्रा पर रोक लगाने के अपने निर्णय को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘प्रेस एवं मीडिया की स्वतंत्रता को पूरा सहयोग दोहराते हुए और एक सद्भावना संदेश के तहत गृह मंत्रालय ने आज उस पत्रकार का नाम निकास नियंत्रण सूची से हटाने का आदेश दिया जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक की गलत और गढ़ी हुई खबर दी थी.’ गृह मंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में दोहराया कि स्वतंत्र मीडिया को राष्ट्रीय हितों की ‘रक्षा’ में न केवल भूमिका निभानी चाहिए बल्कि देश के शत्रुओं के नकारात्मक दुष्प्रचार का जवाब भी देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर अनाम सूत्रों के हवाले से असत्यापित एवं काल्पनिक खबरों से बचना चाहिए. बैठक में हिस्सा लेने वाले पाकिस्तान के सूचना मंत्री परवेज राशिद ने कहा कि सरकार का प्रेस की आजादी में मजबूती से विश्वास है और उसने बार बार साबित किया है कि वह मामले पर समझौता नहीं कर सकती.
सरकार ने इसकी जांच शुरू कर दी है कि बैठक की जानकारी किसने लीक की. गृह मंत्री खान ने कहा कि समाचार लीक के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को दंडित किया जाएगा.
बयान में कहा गया, ‘पत्रकार का नाम हटाने से मामले की जांच किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होगी और जांच तार्किक निष्कर्ष तक जारी रहेगी.’ डॉन ने कहा है कि उसकी खबर सही थी और उसने प्रकाशन से पहले सूचना का ‘पूरी तरह सत्यापन’ किया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
डॉन समाचारपत्र के पत्रकार सिरिल अलमीडा पर यात्रा प्रतिबंध लगाने को लेकर मीडिया घरानों, पत्रकार संगठनों एवं नागरिक समाज की ओर से सरकार एवं सेना की व्यापक आलोचना की गई थी. अलमीडा का नाम इस सप्ताह ‘निकास नियंत्रण सूची’ (एक्जिट कंट्रोल लिस्ट) में डाल दिया गया था जब उन्होंने आतंकवादियों को आईएसआई के समर्थन को लेकर सेना और सरकार के बीच मौखिक टकराव होने की खबर दी थी.
सरकार ने एक अधिसूचना में कहा, ‘यह निर्णय किया गया है कि सिरिल अलमीडा का नाम निकास नियंत्रण सूची से हटाया जाए.’ उसने कहा, ‘सभी संबंधितों से इस मामले में तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया जाता है.’ निर्णय तब किया गया जब पाकिस्तान के गृह मंत्री निसार अली खान ने मीडिया प्रतिनिधि संगठनों, ‘ऑल पाकिस्तान न्यूजपेपर्स सोसाइटी और काउंसिल ऑफ पाकिस्तान न्यूजपेपर एडिटर्स के प्रतिनिधियों से इस्लामाबाद में मुलाकात की.
यह मुलाकात तब हुई जब सरकार को अलमीडा की यात्रा पर रोक लगाने के अपने निर्णय को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘प्रेस एवं मीडिया की स्वतंत्रता को पूरा सहयोग दोहराते हुए और एक सद्भावना संदेश के तहत गृह मंत्रालय ने आज उस पत्रकार का नाम निकास नियंत्रण सूची से हटाने का आदेश दिया जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक की गलत और गढ़ी हुई खबर दी थी.’ गृह मंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में दोहराया कि स्वतंत्र मीडिया को राष्ट्रीय हितों की ‘रक्षा’ में न केवल भूमिका निभानी चाहिए बल्कि देश के शत्रुओं के नकारात्मक दुष्प्रचार का जवाब भी देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर अनाम सूत्रों के हवाले से असत्यापित एवं काल्पनिक खबरों से बचना चाहिए. बैठक में हिस्सा लेने वाले पाकिस्तान के सूचना मंत्री परवेज राशिद ने कहा कि सरकार का प्रेस की आजादी में मजबूती से विश्वास है और उसने बार बार साबित किया है कि वह मामले पर समझौता नहीं कर सकती.
सरकार ने इसकी जांच शुरू कर दी है कि बैठक की जानकारी किसने लीक की. गृह मंत्री खान ने कहा कि समाचार लीक के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को दंडित किया जाएगा.
बयान में कहा गया, ‘पत्रकार का नाम हटाने से मामले की जांच किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होगी और जांच तार्किक निष्कर्ष तक जारी रहेगी.’ डॉन ने कहा है कि उसकी खबर सही थी और उसने प्रकाशन से पहले सूचना का ‘पूरी तरह सत्यापन’ किया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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