पाकिस्तान की शीर्ष सुरक्षा इकाई ने धमकी भरे एक पत्र को लेकर बृहस्पतिवार को एक देश के खिलाफ सख्त विरोध पत्र जारी करने का फैसला किया. साथ ही, गैर-राजनयिक संवाद और अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप को लेकर चिंता जताई. यह धमकी भरा पत्र, इमरान खान सरकार को अपदस्थ करने की एक कथित विदेशी साजिश को प्रदर्शित करता है.
सियासी चुनौतियों का सामना कर रहे प्रधानमंत्री खान ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की एक बैठक बुलाई, जो सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा के लिए सर्वोच्च मंच है.
बैठक में गृह, रक्षा, सूचना एवं प्रसारण मंत्रियों सहित चेयरमैन ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी, सर्विसेज चीफ्स, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और वरिष्ठ अधिकारी शरीक हुए.
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, एनएसए मोईद युसूफ ने कमेटी को एक अन्य देश के एक वरिष्ठ अधिकारी के उस देश में पाकिस्तानी राजदूत के साथ एक आपैचारिक बैठक में हुए औपचारिक संवाद के बारे में बताया.
बयान के मुताबिक, कमेटी ने संवाद पर गंभीर चिंता जताई और विदेशी अधिकारी की भाषा को अराजनयिक करार दिया.
इसमें कहा गया है, ‘‘कमेटी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि संवाद संदेह के दायरे में आये देश द्वारा पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है, जो किसी भी परिस्थिति में अस्वीकार्य है.''
एनएससी ने फैसला किया कि उक्त देश के समक्ष विरोध दर्ज कराया जाएगा. बयान में कहा गया है, ‘‘कमेटी ने फैसला किया है कि पाकिस्तान उस देश के खिलाफ इस्लामाबाद में और उस देश की राजधानी में कूटनीतिक नियमों के तहत उपयुक्त माध्यम से सख्त विरोध पत्र जारी करेगा.''
उल्लेखनीय है एक दिन पहले सत्ताधारी गठबंधन में एक अहम सहयोगी दल के पाला बदलने के बाद प्रधानमंत्री संसद में प्रभावी रूप से बहुमत खो चुके हैं और विपक्ष पहले ही उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर चुका है.
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