लाहौर:
पाकिस्तान की एक अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें आसिफ अली जरदारी को राष्ट्रपति के तौर पर काम करने से रोकने का आदेश देने की मांग की गई थी।
जमात-ए-इस्लामी नेता फरीद पिराचा ने लाहौर हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि देश के सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने का आदेश दिया था और इसके मद्देनजर जरदारी को अयोग्य ठहराया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति नासिर सईद शेख ने मंगलवार को कहा कि पिराचा की ओर से मांगे गए आदेश को जारी नहीं किया जा सकता क्योंकि ठीक इसी मामले पर दूसरी याचिका लंबित है और उस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
इसके बाद न्यायाधीश ने पिराचा की याचिका को खारिज कर दिया। पिराचा का दावा है कि जरदारी निरंतर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हैं।
जमात-ए-इस्लामी नेता फरीद पिराचा ने लाहौर हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि देश के सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने का आदेश दिया था और इसके मद्देनजर जरदारी को अयोग्य ठहराया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति नासिर सईद शेख ने मंगलवार को कहा कि पिराचा की ओर से मांगे गए आदेश को जारी नहीं किया जा सकता क्योंकि ठीक इसी मामले पर दूसरी याचिका लंबित है और उस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
इसके बाद न्यायाधीश ने पिराचा की याचिका को खारिज कर दिया। पिराचा का दावा है कि जरदारी निरंतर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हैं।
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