इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के अशांत उत्तरी वजीरिस्तान इलाके में गुरुवार को एक अमेरिकी ड्रोन हमले में एक समय जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाकिस्तान के अल कायदा प्रमुख समेत चार उग्रवादी मारे गए।
प्रतिबंधित हरकत उल मुजाहिदीन का पूर्व कमांडर बदर मंसूर तीन अन्य उग्रवादियों के साथ मिरानशाह में एक परिसर पर जासूसी विमान से दागी गयी दो मिसाइलों की चपेट में आकर मारा गया। यह प्रतिबंधित संगठन किसी समय कश्मीर में सक्रिय था। टीवी न्यूज चैनलों ने अधिकारियों के हवाले से यह खबर दी है।
मीडिया रिपोटरे में मंसूर को पाकिस्तान में अल कायदा का प्रमुख बताया गया है। वह अमेरिका के निशाने पर था और कई हमलों में उसकी तलाश थी। कल से यह दूसरा ड्रोन हमला है। कल मिरानशाह के समीप किए गए हमले में दस उग्रवादी मारे गए थे। अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि पाकिस्तानी तालिबान उग्रवादियों ने मिरानशाह में किराये पर ली गयी इमारतों में छुपना शुरू कर दिया था।
तालिबान और अल कायदा के बीच संपर्क की भूमिका अदा करने वले मंसूर के बारे में कहा जाता है कि वह उत्तरी वजीरिस्तान में प्रशिक्षण शिविर चलाता था जहां से उसने अफगानिस्तान में उग्रवादी भेजे।
मंसूर पंजाब प्रांत में डेरा गाजी खान से ताल्लुक रखता था और उसके पंजाबी तालिबान के साथ घनिष्ठ संबंध थे। पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले से मीडिया ने कहा हे कि मंसूर की मौत अल कायदा के लिए एक ‘बड़ा झटका’ है।
पिछले वर्ष जून में एक ड्रोन हमले में इलियास कश्मीरी के मारे जाने के बाद मंसूर एक प्रकार से पाकिस्तान में अल कायदा प्रमुख बन गया था। तालिबान, अल कायदा और हक्कानी नेटवर्क समेत कई उग्रवादी समूह उत्तरी वजीरिस्तान में सक्रिय हैं जहां से वे सीमा पार अफगानिस्तान में हमले करते हैं।
प्रतिबंधित हरकत उल मुजाहिदीन का पूर्व कमांडर बदर मंसूर तीन अन्य उग्रवादियों के साथ मिरानशाह में एक परिसर पर जासूसी विमान से दागी गयी दो मिसाइलों की चपेट में आकर मारा गया। यह प्रतिबंधित संगठन किसी समय कश्मीर में सक्रिय था। टीवी न्यूज चैनलों ने अधिकारियों के हवाले से यह खबर दी है।
मीडिया रिपोटरे में मंसूर को पाकिस्तान में अल कायदा का प्रमुख बताया गया है। वह अमेरिका के निशाने पर था और कई हमलों में उसकी तलाश थी। कल से यह दूसरा ड्रोन हमला है। कल मिरानशाह के समीप किए गए हमले में दस उग्रवादी मारे गए थे। अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि पाकिस्तानी तालिबान उग्रवादियों ने मिरानशाह में किराये पर ली गयी इमारतों में छुपना शुरू कर दिया था।
तालिबान और अल कायदा के बीच संपर्क की भूमिका अदा करने वले मंसूर के बारे में कहा जाता है कि वह उत्तरी वजीरिस्तान में प्रशिक्षण शिविर चलाता था जहां से उसने अफगानिस्तान में उग्रवादी भेजे।
मंसूर पंजाब प्रांत में डेरा गाजी खान से ताल्लुक रखता था और उसके पंजाबी तालिबान के साथ घनिष्ठ संबंध थे। पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले से मीडिया ने कहा हे कि मंसूर की मौत अल कायदा के लिए एक ‘बड़ा झटका’ है।
पिछले वर्ष जून में एक ड्रोन हमले में इलियास कश्मीरी के मारे जाने के बाद मंसूर एक प्रकार से पाकिस्तान में अल कायदा प्रमुख बन गया था। तालिबान, अल कायदा और हक्कानी नेटवर्क समेत कई उग्रवादी समूह उत्तरी वजीरिस्तान में सक्रिय हैं जहां से वे सीमा पार अफगानिस्तान में हमले करते हैं।
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