वाशिंगटन:
ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति हसन रूहानी की ओर से अपने देश के परमाणु कार्यक्रम में अधिक खुलेपन का वादा किए जाने के एक दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज कहा कि वाशिंगटन विश्व के प्रमुख छह देशों अथवा द्विपक्षीय स्तर से भी तेहरान के साथ बातचीत के लिए तैयार है।
ओबामा ने नए ईरानी नेतृत्व को लेकर सावधानी बरतते हुए इस बात का उल्लेख किया कि ईरान में वास्तविक शक्ति वहां के सर्वोच्च नेता के हाथ में है तथा तेहरान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दिखाने करने की जरूरत है।
ओबामा ने मशहूर कार्यक्रम ‘चार्ली रोज’ में दिए साक्षात्कार में कहा, हमारा रुख छह देशों और द्विपक्षीय माध्यम से भी बातचीत को लेकर खुला है। ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने पश्चिमी जगत के साथ तनाव को कम करने की उम्मीद जताते हुए कहा था कि परमाणु मुद्दे का हल बातचीत के बगैर नहीं निकाला जा सकता। ईरान में हालिया चुनाव का हवाला देते हुए ओबामा ने कहा कि ईरानी जनता अलग दिशा में बढ़ना चाहती है।
उधर, अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा, ईरान के नेतृत्व को अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियां निभाने के लिए कई कदम उठाने की जरूरत है। छह पक्षीय वार्ता में शामिल राष्ट्र ईरान के साथ बैठक को तैयार हैं बशर्ते वह अलमाटी में दिए गए संतुलित प्रस्ताव पर स्थायी रूप से जवाब दे। जेन ने कहा कि गेंद अब ईरान के पाले में है, जिसे वास्तविक तरीके से इस बात का जवाब देना है कि किस तरह से आगे बढ़ा जाए। यह बातचीत निजी रही है। हम उसके लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं और हम देखेंगे कि वे क्या पेश करते हैं।
उन्होंने कहा, हमने अभी तक वास्तविक जवाब नहीं देखा है। सवाल यह है कि आगे बढ़ने में क्या हुआ? हम इसे देखेंगे लेकिन जैसाकि आप जानते हैं कि सर्वोच्च नेता के पास परमाणु विभाग और नेतृत्व है। जेन ने कहा कि हसन रूहानी के साथ काम करने को लेकर अमेरिका आशान्वित है, जो हाल ही में ईरान में हुए चुनाव में जीते हैं। उन्होंने आशा जताई कि रूहानी अपने चुनावी वादे पूरे करेंगे। मसलन निजी स्वतंत्रता का विस्तार, राजनीतिक बंदियों को छोड़ना और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ ईरान के रिश्ते सुधारना।
ओबामा ने नए ईरानी नेतृत्व को लेकर सावधानी बरतते हुए इस बात का उल्लेख किया कि ईरान में वास्तविक शक्ति वहां के सर्वोच्च नेता के हाथ में है तथा तेहरान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दिखाने करने की जरूरत है।
ओबामा ने मशहूर कार्यक्रम ‘चार्ली रोज’ में दिए साक्षात्कार में कहा, हमारा रुख छह देशों और द्विपक्षीय माध्यम से भी बातचीत को लेकर खुला है। ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने पश्चिमी जगत के साथ तनाव को कम करने की उम्मीद जताते हुए कहा था कि परमाणु मुद्दे का हल बातचीत के बगैर नहीं निकाला जा सकता। ईरान में हालिया चुनाव का हवाला देते हुए ओबामा ने कहा कि ईरानी जनता अलग दिशा में बढ़ना चाहती है।
उधर, अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा, ईरान के नेतृत्व को अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियां निभाने के लिए कई कदम उठाने की जरूरत है। छह पक्षीय वार्ता में शामिल राष्ट्र ईरान के साथ बैठक को तैयार हैं बशर्ते वह अलमाटी में दिए गए संतुलित प्रस्ताव पर स्थायी रूप से जवाब दे। जेन ने कहा कि गेंद अब ईरान के पाले में है, जिसे वास्तविक तरीके से इस बात का जवाब देना है कि किस तरह से आगे बढ़ा जाए। यह बातचीत निजी रही है। हम उसके लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं और हम देखेंगे कि वे क्या पेश करते हैं।
उन्होंने कहा, हमने अभी तक वास्तविक जवाब नहीं देखा है। सवाल यह है कि आगे बढ़ने में क्या हुआ? हम इसे देखेंगे लेकिन जैसाकि आप जानते हैं कि सर्वोच्च नेता के पास परमाणु विभाग और नेतृत्व है। जेन ने कहा कि हसन रूहानी के साथ काम करने को लेकर अमेरिका आशान्वित है, जो हाल ही में ईरान में हुए चुनाव में जीते हैं। उन्होंने आशा जताई कि रूहानी अपने चुनावी वादे पूरे करेंगे। मसलन निजी स्वतंत्रता का विस्तार, राजनीतिक बंदियों को छोड़ना और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ ईरान के रिश्ते सुधारना।
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