लंदन/वाशिंगटन:
ओबामा सरकार हर दिन लाखों अमेरिकियों के टेलीफोन रिकॉर्ड को हासिल कर रही है। ब्रिटेन के एक प्रमुख अखबार ने यह खुलासा करते हुए कहा है कि दूरसंचार कंपनी वेरिजोन से हर दिन 'दैनिक आधार पर' लाखों अमेरिकियों का टेलीफोन रिकॉर्ड हासिल किया जाता है। नागरिक अधिकार संगठनों ने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए एफबीआई को जासूसी के बेतहाशा अधिकारों पर सवाल उठाया है।
यह रपट गार्जियन में प्रकाशित हुई है। इसके अनुसार, 'राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी यानी एनएसए वेरिजोन के लाखों अमेरिकी ग्राहकों का टेलीफोन रिकार्ड हासिल कर रही है।' रपट में कहा गया है कि एजेंसी यह काम अप्रैल में जारी एक खुफिया अदालती आदेश के तहत कर रही है। इस आदेश की प्रति अखबार के पास है। वेरिजोन अमेरिका की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी है।
इस आदेश के तहत वेरिजोन को अपने यहां से सारी टेलीफोन कालों का ब्यौरा 'दैनिक आधार पर' एनएसए को देना होगा। यह ब्यौरा घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय कालों से जुड़ा होगा।
खुफिया विदेशी आसूचना निगरानी अदालत (एफआईएसए) ने 25 अप्रैल को एफबीआई को यह आदेश दिया था। इसके तहत ओबामा सरकार को 19 जून को समाप्त होने वाले तीन महीने की अवधि में डेटा हासिल करने का असीमित अधिकार मिल गया।
इसके तहत फोन करने वाले तथा जिसका फोन किया जाता है उसकी जानकारी, कितनी देर बात हुई, किस जगह से बात हुई तथा किस समय बात हुई जैसी सारी जानकारी देनी होती है। वहीं ओबामा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस रपट पर प्रतिक्रिया में कहा है कि इस कथित आदेश से 'सरकार को किसी की भी टेलीफोनिक बातचीत सुनने की अनुमति नहीं मिलती।'
'बल्कि यह तो केवल टेलीफोन नंबर पर, काल अवधि की जानकारी जुटाने से जुड़ा है। वाशिंगटन पोस्ट ने अधिकारी के हवाले से कहा है कि इस तरह की जानकारी 'अमेरिका को आतंकी खतरे से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है।' उन्होंने कहा कि इस सूचना के इस्तेमाल के बारे में संसद को नियमित रूप से पूरी तरह सूचित किया जा रहा हैं।
यह रपट गार्जियन में प्रकाशित हुई है। इसके अनुसार, 'राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी यानी एनएसए वेरिजोन के लाखों अमेरिकी ग्राहकों का टेलीफोन रिकार्ड हासिल कर रही है।' रपट में कहा गया है कि एजेंसी यह काम अप्रैल में जारी एक खुफिया अदालती आदेश के तहत कर रही है। इस आदेश की प्रति अखबार के पास है। वेरिजोन अमेरिका की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी है।
इस आदेश के तहत वेरिजोन को अपने यहां से सारी टेलीफोन कालों का ब्यौरा 'दैनिक आधार पर' एनएसए को देना होगा। यह ब्यौरा घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय कालों से जुड़ा होगा।
खुफिया विदेशी आसूचना निगरानी अदालत (एफआईएसए) ने 25 अप्रैल को एफबीआई को यह आदेश दिया था। इसके तहत ओबामा सरकार को 19 जून को समाप्त होने वाले तीन महीने की अवधि में डेटा हासिल करने का असीमित अधिकार मिल गया।
इसके तहत फोन करने वाले तथा जिसका फोन किया जाता है उसकी जानकारी, कितनी देर बात हुई, किस जगह से बात हुई तथा किस समय बात हुई जैसी सारी जानकारी देनी होती है। वहीं ओबामा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस रपट पर प्रतिक्रिया में कहा है कि इस कथित आदेश से 'सरकार को किसी की भी टेलीफोनिक बातचीत सुनने की अनुमति नहीं मिलती।'
'बल्कि यह तो केवल टेलीफोन नंबर पर, काल अवधि की जानकारी जुटाने से जुड़ा है। वाशिंगटन पोस्ट ने अधिकारी के हवाले से कहा है कि इस तरह की जानकारी 'अमेरिका को आतंकी खतरे से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है।' उन्होंने कहा कि इस सूचना के इस्तेमाल के बारे में संसद को नियमित रूप से पूरी तरह सूचित किया जा रहा हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं