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This Article is From Aug 30, 2017

उत्तर कोरिया ने कहा- अभी और मिसाइल दागे जाएंगे

देश की सरकारी समाचार एजेंसी 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' (केसीएनए) ने बताया है कि मंगलवार के अत्याधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली के लॉन्च की निगरानी उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग-उन ने स्वयं की थी. यह प्योंगयांग से दागी गई पहली मिसाइल थी. 

उत्तर कोरिया ने कहा- अभी और  मिसाइल दागे जाएंगे
उत्तर कोरिया का मिसाइल परीक्षण.
प्योंगयांग: पूरी दुनिया में लगातार मिसाइल परीक्षण कर सुर्खियों में बने हुए उत्तर कोरिया ने अपने इस कार्यक्रम को जारी रखने का ऐलान किया है. उत्तर कोरिया ने कहा है कि जापान पर मिसाइल दागने का कदम अमेरिकी क्षेत्र गुआम को निशाना बनाने वाले सैन्य अभियान की शुरुआत भर है और उसकी योजना ऐसे और मिसाइल दागने की है.  देश की सरकारी समाचार एजेंसी 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' (केसीएनए) ने बताया है कि मंगलवार के अत्याधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली के लॉन्च की निगरानी उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग-उन ने स्वयं की थी. यह प्योंगयांग से दागी गई पहली मिसाइल थी. 

एजेंसी ने किम के हवाले से कहा है कि एक वास्तविक युद्ध की तरह नवीनतम मिसाइल लॉन्च प्रशांत क्षेत्र में कोरियन पीपुल्स आर्मी का पहला सैन्य अभियान है और यह गुआम को निशाना बनाने की स्पष्ट शुरुआत है.

'सीएनएन' की रपट के अनुसार, उत्तर कोरियाई लोगों द्वारा ह्वासोंग-12 के रूप में पहचानी जाने वाली मध्यम दूरी वाली मिसाइल मंगलवार को जापान के उत्तरी होक्काइदो द्वीप को पार कर गई थी, जिससे उत्तर कोरिया और अमेरिका व इसके सहयोगियों जापान और दक्षिण कोरिया में तनाव पैदा हो गए हैं.

गुआम के गवर्नर कार्यालय ने एक बयान में कहा कि द्वीप के खतरे के स्तर में कोई बदलाव नहीं आया है. गुआम के सुरक्षा सलाहकार जॉर्ज चारफौरस ने बताया, "उत्तर कोरिया की पिछले साल की घटनाओं के आधार पर हमें अमेरिका, दक्षिण कोरिया और उसके सहयोगियों के बीच संयुक्त अभ्यास के खिलाफ उत्तर कोरिया की बयानबाजी और ऐसी गतिविधि की उम्मीद थी."

'केसीएनए' ने कहा कि यह नवीनतम लॉन्च अमेरिका-दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास की प्रतिक्रिया में है, और साथ ही 1910 के जापान-कोरिया संधि की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भी था. सरकारी मीडिया के अनुसार, किम ने इस क्षेत्र को लक्षित कर और रॉकेट दागने का आदेश दिया है. 

दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति के प्रवक्ता पार्क सू-ह्यून ने एक बयान में कहा कि देश के राष्ट्रपति मून जे-इन और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे मानते हैं कि उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि उत्तर कोरिया बातचीत के लिए वार्ता की मेज पर आने को राजी हो जाए. (आईएएनएस की रिपोर्ट)

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