ओबामा प्रशासन की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका की कश्मीर नीति नहीं बदली है और इस विषय पर वार्ता की क्या गति होगी, इसके दायरे में क्या-क्या होगा और इसकी क्या प्रकृति होगी, यह भारत और पाकिस्तान को ही तय करना है।
अमेरिका की दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के लिए विदेश उपमंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने मंगलवार को विदेशी संवाददाताओं से कहा, 'भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंध और खासकर कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका की दीर्घकालिक नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।'
एक पाकिस्तानी संवाददाता ने उनसे पूछा था कि अमेरिका कश्मीर सहित भारत और पाकिस्तान के कुछ दीर्घकालिक मुद्दे को सुलझाने के लिए क्या कर रहा है, इस पर बिस्वाल ने कहा, 'भारत और पाकिस्तान को ही आपसी वार्ता की गति, दायरा और प्रकृति तथा प्रक्रिया तय करनी है।'
उन्होंने कहा कि अमेरिका दोनों देशों के संबंधों में किसी भी प्रकार के सुधार का स्वागत करता है और हमने दोनों देशों में वार्ता के लिए महत्वपूर्ण कोशिश देखी है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इस तथ्य का स्वागत किया कि पिछले शरद ऋतु में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने न्यूयार्क में मुलाकात की थी और हम इस संबंध में हर वार्ता और हर सुधार का स्वागत करते हैं।
उन्होंने सलाह देते हुए कहा, 'शुरू करने के लिए सबसे अच्छा विषय व्यापार है।' उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के लिए लाभदायी है।
उन्होंने कहा, 'मेरे खयाल से दोनों देशों के बीच सीमा पार व्यापार अभी करीब ढाई अरब डॉलर का है। लेकिन दोनों पक्षों ने इससे बढ़कर 10 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना देखी है।'
उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरत इस बात की है कि दोनों पक्ष इस तरह के मुद्दों पर एक-दूसरे के साथ वार्ता करें।
अफगानिस्तान के बारे में पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि अमेरिका इस क्षेत्र के आर्थिक विकास और समृद्धि को सहयोग देता रहेगा। उन्होंने कहा, 'हम बाहर नहीं जा रहे हैं। हम कहीं नहीं जा रहे हैं।'
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