अमेरिका को दो दिन पहले आए विनाशकारी टारनेडो (Tornado) ने हिलाकर रख दिया, जिसमें 80 लोगों की जान चली गई. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी कहना पड़ा कि जलवायु परिवर्तन (Climate Change) अपना विनाशकारी असर दिखा रहा है. प्राकृतिक आपदाओं पर इसी बहस के बीच न्यूयॉर्क शहर ने जलवायु परिवर्तन की संभावित तबाही से बचने के लिए विशालकाय दीवार (seawall) बनाने का फैसला किया है. न्यूयॉर्क प्रशासन इसके लिए 1.45 अरब डॉलर (करीब 11 हजार करोड़) से दीवार और फ्लडगेट बना रहा है.
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दरअसल, सुपरस्टार्म सैंडी, हरीकेन इदा के दौरान शहर में बड़े पैमाने पर कहर झेला था. सैंडी के दौरान न्यूयॉर्क में 44 लोग मारे गए थे, जबकि 1.10 लाख विस्थापित हुए थे. न्यूयॉर्क के एक्टिंग डिजाइन एंड कंसट्रक्शन कमिश्नर टॉम फेलो के मुताबिक, जलस्तर करीब आठ फीट तक बढ़ गया था और 19 अरब डॉलर (1442 अरब रुपये) का नुकसान हुआ था. फोले ने कहा कि यह दीवार 16.5 फीट तक ऊंची होगी. इसमें कई बड़े गेट भी होंगे, जो अमेरिका के सबसे घनी आबादी वाले शहर मैनहटन में पानी के बहाव को रोकने का मुकम्मल इंतजाम होगा.
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न्यूयॉर्क के 23वें और 20वें स्ट्रीट में दीवार बन भी गई है, जहां ईस्ट रिवर और आवासीय आबादी खतरे में है. अगर दुर्गम इलाकों में प्रोजेक्ट सफल रहा तो पहाड़ी इलाकों में भी इसका विस्तार होगा. यह दीवार सुरक्षा के साथ बाइकों के लिए सड़क, बेंच या गार्डेन एरिया के तौर पर भी काम करेगी. 2012 के सुपरस्टार्म सैंडी के पहले वर्ष 2005 में कैटरीना तूफान ने न्यू ओरलियंस और हार्वे ने 2017 में ह्यूस्टन में भारी तबाही मचाई थी.
हालांकि जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञ इसे नाकाफी बता रहे हैं. उनका कहना है कि न्यूयॉर्क की 520 मील लंबा तटीय इलाका खतरे की जद में है, क्योंकि 2050 तक समुद्र का जल स्तर दो फीट और इस सदी के अंत तक 6 फीट तक बढ़ जाएगा. दीवारों का यह कार्य 2026 तक पूरा होने का लक्ष्य है. हालांकि पर्यावरणविद प्राकृतिक विविधता औऱ पर्यावरण को नुकसान का हवाला देकर इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं.
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