वाशिंगटन:
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) ने शुक्रवार को एड्स के एक नए उपचार को मंजूरी दे दी। अब एड्स पीड़ित मरीजों को एचआईवी की रोकथाम के लिए अन्य दवाओं के साथ यह उपचार भी दिया जा सकेगा। नया उपचार एचआईवी वायरस में प्रजनन रोकेगा। समाचार एजेंसी ईएफई के मुताबिक जॉनसन एंड जॉनसन ने यह नई दवा टीएमसी 278 विकसित की है। इसे रिलपिविरिन भी कहा जाता है। यह दवा खासतौर पर उन मरीजों के लिए है जिनका एचआईवी का इलाज शुरू न हुआ हो। जॉनसन एंड जॉनसन कम्पनी एडुरेंट नाम से इस दवा का प्रचार-प्रसार कर रही है। इस नई दवा को दो तरह की चिकित्सकीय जांच के बाद मंजूरी दी गई है। यह जांच एड्स का इलाज न लेने वाले 1,368 मरीजों पर की गईं। इस दौरान अलग-अलग मरीजों का रिलपिविरिन या इफैविरेंज और अन्य दवाओं से इलाज किया गया। रिलपिविरिन दवा लेने वाले 83 प्रतिशत मरीजों में वायरस का प्रजनन रुक गया, जबकि इफैविरेंज दवा लेने वाले 80 प्रतिशत मरीजों में ऐसा देखा गया। एडुरेंट दवाएं लेने वाले मरीजों में अवसाद, नींद में कमी, सिरदर्द जैसे दुष्प्रभाव भी देखे गए। एफडीए ने चेतावनी देते हुए कहा है कि एडुरेंट दवाएं एचआईवी संक्रमण से बचाव नहीं करतीं और मरीजों को इसके साथ संक्रमण रोकने लिए हर दिन एक गोली लेने वाला इलाज भी जारी रखना होगा।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
एड्स, एचआईवी, नई दवा, उपचार