
प्रचंड (फाइल फोटो)
नेपाली मीडिया के हवाले से खबर आ रही है कि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे के साथ ही नेपाली कांग्रेस प्रमुख शेर बहादुर देउवा और उनके बीच गत वर्ष अगस्त में बनी सहमति के अनुसार देउवा के प्रधानमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. सत्तारूढ़ दलों नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (माओवादी केंद्र) के बीच बनी सहमति के अनुसार प्रचंड शीर्ष पद से इस्तीफा देना था जिससे गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए एनसी अध्यक्ष का मार्ग प्रशस्त होगा.
सहमति के अनुसार फरवरी 2018 में संसद के चुनाव होने तक दोनों दल बारी-बारी से सरकार का नेतृत्व करेंगे. प्रचंड को स्थानीय चुनावों तक पद पर बने रहना था और बाकी के दो चुनाव देउवा के नेतृत्व में होने हैं. नेपाल के लाखों नागरिकों ने दो दशक में पहली बार हुए स्थानीय चुनावों में 14 मई को मतदान किया था.
इससे पहले प्रधानमंत्री प्रचंड को मंगलवार को संसद को संबोधित करना था और इस्तीफे की घोषणा करनी थी लेकिन यह स्थगित हो गया क्योंकि स्पीकर ने मुख्य विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल के सांसदों के कार्यवाही में बाधा डालने के बाद सदन को स्थगित कर दिया. विपक्षी सांसद तराई जिले में स्थानीय इकाईयों की संख्या बढ़ाने के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे थे.
कई दौर की बातचीत के बाद सत्तारूढ़ और विपक्षी दल के नेता सदन की कार्यवाही को बहाल करने को लेकर सहमति पर नहीं पहुंचे जिसके बाद स्पीकर ने संसद की बैठक को स्थगित कर दिया.
(एजेंसी भाषा से भी इनपुट)
सहमति के अनुसार फरवरी 2018 में संसद के चुनाव होने तक दोनों दल बारी-बारी से सरकार का नेतृत्व करेंगे. प्रचंड को स्थानीय चुनावों तक पद पर बने रहना था और बाकी के दो चुनाव देउवा के नेतृत्व में होने हैं. नेपाल के लाखों नागरिकों ने दो दशक में पहली बार हुए स्थानीय चुनावों में 14 मई को मतदान किया था.
इससे पहले प्रधानमंत्री प्रचंड को मंगलवार को संसद को संबोधित करना था और इस्तीफे की घोषणा करनी थी लेकिन यह स्थगित हो गया क्योंकि स्पीकर ने मुख्य विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल के सांसदों के कार्यवाही में बाधा डालने के बाद सदन को स्थगित कर दिया. विपक्षी सांसद तराई जिले में स्थानीय इकाईयों की संख्या बढ़ाने के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे थे.
कई दौर की बातचीत के बाद सत्तारूढ़ और विपक्षी दल के नेता सदन की कार्यवाही को बहाल करने को लेकर सहमति पर नहीं पहुंचे जिसके बाद स्पीकर ने संसद की बैठक को स्थगित कर दिया.
(एजेंसी भाषा से भी इनपुट)
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